जम्मू-कश्मीर राज्यसभा चुनाव में भाजपा की एक सीट जीत ने क्षेत्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने चुनाव परिणामों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस और पीडीपी पर अप्रत्यक्ष आरोप लगाए और कहा कि कुछ लोगों ने अंतिम क्षण में उनकी पार्टी के साथ विश्वासघात किया. उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस ने तीन सीटों पर जीत हासिल की, जबकि भाजपा को एक सीट मिली.
अब्दुल्ला ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि चुनाव के दौरान कुछ गैर-भाजपा विधायकों ने भाजपा का समर्थन किया, जिससे उनकी पार्टी का 4-0 का प्रयास असफल रहा. उन्होंने कहा कि यह किसी के लिए भी शिकायत का विषय नहीं होना चाहिए, लेकिन यह अफसोसजनक है कि कुछ लोग मीटिंग में आए, खाना खाया और फिर पार्टी को धोखा दिया.
2019 में जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद यह पहला राज्यसभा चुनाव था. नेशनल कॉन्फ्रेंस ने तीन सीटें सुरक्षित कीं और पार्टी के सभी उम्मीदवारों को उनके समर्थन के लिए वोट मिले. मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी के वोट सुरक्षित रहे और नेकां की सफलता पार्टी के उम्मीदवारों की मेहनत और सहयोग के कारण हुई.
वहीं, विपक्ष ने भाजपा की जीत पर आरोप लगाया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने ‘मैच फिक्स’ के माध्यम से भाजपा को मदद दी. इस चुनाव ने जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक तनाव और मतदाता विश्वासघात के मुद्दों को फिर से उभारा है. यह चुनाव न केवल सीटों की संख्या बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में गठबंधन और भरोसे के सवालों को भी उजागर करता है. उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि पार्टी की रणनीति और उम्मीदवारों की जीत ने नेकां की ताकत को साबित किया है.

