जम्मू-कश्मीर के नौगाम पुलिस स्टेशन में हुए भीषण धमाके पर गृह मंत्रालय ने आधिकारिक बयान जारी कर स्पष्ट किया है कि यह घटना पूरी तरह आकस्मिक थी और किसी तरह की गलतफहमी या अटकलों से बचना जरूरी है। मंत्रालय के संयुक्त सचिव प्रशांत लोखंडे ने हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि रात लगभग 11:20 बजे यह विस्फोट उस समय हुआ जब थाने में बरामद किए गए बड़े मात्रा के विस्फोटक पदार्थ को सुरक्षित तौर पर रखा गया था और जांच के लिए भेजे जाने की तैयारी चल रही थी।
थाना पुलिस ने हाल ही में कुछ आपत्तिजनक पोस्टर जब्त किए थे, जिसके बाद दर्ज एफआईआर की जांच के दौरान बड़ी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिली थी। इसी सामग्री का नमूना लेने के दौरान अचानक धमाका हो गया। इस हादसे में 9 लोगों की जान गई, जबकि कई शवों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। धमाके की तीव्रता इतनी अधिक थी कि आसपास खड़ी कई गाड़ियों में भी आग लग गई। मृतकों में एक स्थानीय दर्जी भी शामिल है, जिसे विस्फोटक को ढकने के लिए कवर बनाने का काम सौंपा गया था।
कुछ दिन पहले गिरफ्तार किए गए डॉक्टर मुज़म्मिल गनई की निशानदेही पर फरीदाबाद से लगभग 2900 किलोग्राम संदिग्ध अमोनियम नाइट्रेट जब्त किया गया था। इसी मामले से जुड़ी 360 किलोग्राम सामग्री नौगाम थाने लाई गई थी। डीजीपी नलिन प्रभात ने पुष्टि की कि यह एक दुर्घटना थी। मरने वालों में SIA अधिकारी, FSL कर्मी, फोटोग्राफर, राजस्व कर्मचारी और दर्जी शामिल हैं, जबकि 27 लोग घायल हुए हैं।


