अमेरिका द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाए जाने के बाद भी भारत ने झुकने की बजाय अपने विकल्पों को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. इसी कड़ी में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने रूस के साथ आर्थिक सहयोग को गहरा करने की अपील की है. उन्होंने रूसी कंपनियों से भारत के विकास में भागीदार बनने का आग्रह किया और कहा कि यह समय भारत में निवेश और साझेदारी के लिए अनुकूल है.
जयशंकर ने भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, ‘मेक इन इंडिया’ और शहरीकरण को ऐसे अवसर बताया, जो विदेशी निवेशकों के लिए लाभकारी साबित हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था और 7% विकास दर वाला भारत संसाधनों और तकनीक की आपूर्ति के लिए विश्वसनीय भागीदार चाहता है, जिसमें रूस अहम भूमिका निभा सकता है.
उन्होंने स्वीकार किया कि भारत-रूस संबंध वर्षों से स्थिर और मजबूत रहे हैं, लेकिन व्यापार के स्तर पर और काम करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हालिया वर्षों में व्यापार में वृद्धि हुई है, लेकिन व्यापार असंतुलन भी बढ़ा है, जिसे संतुलित करने की दिशा में गंभीर प्रयास जरूरी हैं.
