राजस्थान। आज के समय में लोगों के लिए सोशल मीडिया पर अपलोड करने के लिए वीडियो बनाना ज्यादा जरूरी हो गया है ना कि किसी व्यक्ति की जान बचाना. ऐसा ही एक मामला जयपुर से सामने आया जिससे साफ पता चलता है कि हमारे अंदर का इंसान किस हद तक मर चुका है. हम इंसानियत की सारी हदें पार कर चुके हैं. दरअसल, जयपुर-अजमेर नेशनल हाईवे पर शुक्रवार को गैस टैंकर ब्लास्ट के दौरान एक मैकेनिक आग की चपेट में आ गया. आग की लपटों से घिरने के बाद मोटर मैकेनिक मदद मांगने के लिए 600 मीटर तक पैदल चलता रहा. इस पीड़ित मोटर मैकेनिक की पहचान 32 वर्षीय राधेश्याम चौधरी के नाम से हुई है, जो नेशनल बियरिंग्स कंपनी लिमिटेड में मोटर मैकेनिक थे. जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को सुबह-सुबह वे अपनी मोटरसाइकिल से घर से निकले थे. बाद में घटना के बाद की तस्वीरें सामने आईं, जिसमें जलता हुआ एक व्यक्ति मदद की तलाश में चलने के लिए संघर्ष करता हुआ दिखाई दे रहा था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अखेराम ने कहा, “मेरा भाई सड़क पर पड़ा था. लोगों ने मुझे बताया कि वह विस्फोट स्थल से लगभग 600 मीटर दूर चला गया था. वह सड़क पर संघर्ष करते हुए मदद के लिए चिल्ला रहा था. लेकिन मदद करने के बजाय, अधिकांश लोग सिर्फ़ वीडियो बना रहे थे.” इस घटना से साफ होता कि इंसान किस हद तक गिर चुका है. अब हमें तय करना होगा कि हम अपने समाज को किस ओर ले जा रहे हैं. अगर लोग वीडियो बनाने की जगह उस व्यक्ति को अस्पताल ले जाते तो शायद उसकी जान बच सकती थी.