भारत की गिरती प्रजनन दर, महिलाएं औसतन पैदा कर पा रहीं 1.9 बच्चे

संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष यानी UNFPA की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पिछले 55 वर्षों में प्रजनन दर में लगातार गिरावट दर्ज की गई है। जहां साल 1970 में एक महिला औसतन 5 बच्चे पैदा करती थी, वहीं अब यह आंकड़ा गिरकर 1.9 पर आ गया है, जो कि 2.1 के स्थायी जनसंख्या स्तर से भी नीचे है. हालांकि इसमें यह भी कहा गया कि 2025 के अंत तक भारत की आबादी दुनिया में सर्वाधिक 1.46 अरब तक पहुंच जाएगी.

रिपोर्ट के मुताबिक भारत में बुजुर्ग आबादी वर्तमान में 7 फीसदी है. इस आंकड़े के आने वाले दशकों में जीवन प्रत्याशा में सुधार के साथ बढ़ने की उम्मीद है. 2025 तक, जन्म के समय जीवन प्रत्याशा पुरुषों के लिए 71 वर्ष और महिलाओं के लिए 74 वर्ष होने का अनुमान है.

यह बदलाव शहरीकरण, शिक्षा, महिलाओं की बढ़ती भागीदारी, और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का परिणाम है. खास बात यह है कि अब अधिक महिलाएं अपने जीवन के निर्णयों में स्वतंत्र हो रही हैं. लेकिन रिपोर्ट यह भी चेतावनी देती है कि कम प्रजनन दर का मतलब है – भविष्य में बुज़ुर्गों की बढ़ती संख्या, और कामकाजी युवाओं की कमी. ऐसे में, नीतिगत बदलाव ज़रूरी होंगे, ताकि देश की आर्थिक रफ्तार बनी रहे.

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