सीरिया पर भारत की बड़ी प्रतिक्रिया: एकता और शांतिपूर्ण समाधान पर जोर

सीरिया में विद्रोही गुटों के बढ़ते प्रभाव और घटनाक्रमों के बीच भारत ने पहली बार इस मुद्दे पर बड़ी प्रतिक्रिया दी है। भारत के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि वह सीरिया की स्थिति पर करीबी नजर रख रहा है और सभी पक्षों से देश की एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता बनाए रखने की अपील करता है।

मंत्रालय ने कहा कि भारत सीरियाई समाज के सभी वर्गों की इच्छाओं और हितों का सम्मान करता है और सीरिया में शांतिपूर्ण और समावेशी नेतृत्व वाली राजनीतिक प्रक्रिया का समर्थन करता है। भारत ने दमिश्क स्थित भारतीय दूतावास को वहां मौजूद भारतीय समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।

भारतीयों के लिए एडवाइजरी

6 दिसंबर को भारत ने सीरिया जाने वाले भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की थी। इसमें अगले नोटिस तक सीरिया की यात्रा से बचने की सलाह दी गई है। साथ ही, भारतीय दूतावास ने अपनी आपातकालीन हेल्पलाइन +963993385973 और ईमेल hoc.damascus@mea.gov.in जारी की है। सीरिया में फंसे किसी भी भारतीय नागरिक को समस्या होने पर इनसे संपर्क करने के लिए कहा गया है।

सीरिया में विद्रोहियों का कब्जा

सीरिया इस समय वैश्विक राजनीति का केंद्र बन गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राजधानी दमिश्क पर विद्रोही गुटों के कब्जे के बाद राष्ट्रपति बशर अल असद और उनका परिवार रूस भाग गया है। रूसी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, असद को मॉस्को में शरण दी गई है।

रूस ने उन्हें मानवीय आधार पर शरण देने का फैसला किया है, जबकि विद्रोही गुटों ने सीरिया में अपनी जीत का ऐलान कर दिया है। इस घटनाक्रम ने सीरिया में अस्थिरता और क्षेत्रीय संकट को और बढ़ा दिया है।

भारत के इस बयान ने सीरिया के घटनाक्रम पर वैश्विक दृष्टिकोण में संतुलन और शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में भारत की प्राथमिकता को स्पष्ट किया है।

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