भारतीय वायु सेना ने मिग-21 को दी अंतिम सलामी, एक युग का भावुक अंत

भारतीय सैन्य विमानन में छह दशकों की गौरवशाली सेवा के बाद, भारतीय वायु सेना (IAF) ने शुक्रवार को अपने ऐतिहासिक मिग-21 फाइटर जेट को औपचारिक विदाई दी. मिग-21, जिसे कभी भारत की हवाई शक्ति का प्रतीक माना जाता था, ने 1965 और 1971 के युद्धों से लेकर 2019 के बालाकोट संघर्ष तक कई निर्णायक क्षणों में अहम भूमिका निभाई थी.

इस ऐतिहासिक पल में एयर चीफ मार्शल एपी सिंह स्वयं मिग-21 में उड़ान भरते नजर आए, जबकि अंतिम उड़ान का नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा ने किया. मिग-21 ने सूर्य किरण और जगुआर विमानों के साथ फ्लाई-पास्ट किया, और आकाश गंगा टीम के स्काईडाइवर्स ने आसमान से विशेष प्रदर्शन किया. कार्यक्रम में भारत के स्वदेशी तेजस जेट ने भी भाग लिया, जो मिग-21 की विरासत को आगे बढ़ाएगा.

समारोह के अंत में, छह मिग-21 विमानों को वाटर कैनन सलामी के साथ सेवानिवृत्त किया गया. इस विदाई के साथ “कोबरा” और “पैंथर्स” स्क्वाड्रन भी सेवामुक्त हो गए. मिग-21 की विरासत भले ही गौरवशाली रही हो, लेकिन समय के साथ इसके खराब सुरक्षा रिकॉर्ड ने इसे “उड़ता ताबूत” और “विधवा निर्माता” जैसे नाम भी दिए. फिर भी, यह विमान भारत के सैन्य इतिहास में हमेशा वीरता और बलिदान का प्रतीक बना रहेगा.

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