संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अफगानिस्तान पर बैठक में भारत ने हालिया हवाई हमलों की कड़ी आलोचना की और बिना पाकिस्तान का नाम लिए उसके रवैये पर गंभीर चिंता व्यक्त की। भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पार्वथनेनी हरीश ने कहा कि अफगानिस्तान को स्थिरता देने के लिए केवल दंडात्मक कदम पर्याप्त नहीं हैं और तालिबान प्रशासन के साथ व्यावहारिक संवाद आवश्यक है।
भारत ने अफगानिस्तान में महिलाओं, बच्चों और खिलाड़ियों की हत्याओं पर संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNAMA) की चिंता का समर्थन किया। साथ ही, उसने पड़ोसी देश द्वारा अफगानिस्तान के साथ व्यापार और सीमा को बंद करने को “ट्रेड एंड ट्रांजिट टेररिज़्म” बताते हुए कहा कि यह अफगान लोगों को जरूरतों से वंचित करने वाली कार्रवाई है, जो विश्व व्यापार संगठन के मानकों और अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है।
भारत ने स्पष्ट किया कि वह अफगानिस्तान की क्षेत्रीय अखंडता, संप्रभुता और स्वतंत्रता का दृढ़ समर्थन करता है। राजदूत हरीश ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया कि सभी देश मिलकर यह सुनिश्चित करें कि UNSC द्वारा सूचीबद्ध आतंकी संगठन—जिनमें ISIS, अल-कायदा, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और उनके सहयोगी शामिल हैं—सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा न दें। भारत ने यह भी दोहराया कि अफगान जनता की विकास आवश्यकताओं को पूरा करने के प्रति उसकी प्रतिबद्धता अटूट है।


