MP के खंडवा में इमाम के बेटे ने अपनाया सनातन धर्म, बने मारुति नंदन

मध्य प्रदेश के खंडवा जिले की भामगढ़ मस्जिद में बरसों तक इमाम रहे इकबाल अली के बेटे आले मुस्तफा चिश्ती ने सनातन धर्म अपनाकर नया नाम मारुति नंदन रख लिया। महादेवगढ़ मंदिर में विधिवत स्नान, मुंडन और प्रायश्चित यज्ञ के बाद उन्होंने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया और हनुमान जी की आरती की। मुस्तफा ने कहा कि उन्होंने स्वेच्छा से सनातन धर्म को आत्म जागृति और विश्व कल्याण के मार्ग के रूप में स्वीकार किया है।

सनातन के प्रति वर्षों से थी आस्था

मारुति नंदन ने कहा कि देश और दुनिया की वर्तमान परिस्थितियों में शांति और सद्भाव का एकमात्र मार्ग सनातन धर्म है। उन्होंने बताया कि उनकी सनातन के प्रति आस्था लंबे समय से थी, और कुछ समय पहले इमरान से ईश्वर और फिरोज से राहुल बने युवकों की कहानी से प्रेरित होकर उन्होंने भी सनातन को अपनाने का फैसला किया।

अन्य युवाओं से की अपील

मारुति नंदन ने भटके हुए अन्य युवाओं से आग्रह किया कि वे भी अपने पूर्वजों की परंपरा को पहचानें। उन्होंने कहा, “हमारे पूर्वजों का डीएनए राम और कृष्ण से जुड़ा है। स्वेच्छा से सनातन धर्म को अपनाकर व्यक्तिगत और विश्व कल्याण का मार्ग चुनें।”

महादेवगढ़ मंदिर का योगदान

महादेवगढ़ मंदिर के संरक्षक अशोक पालीवाल ने बताया कि पिछले एक वर्ष में यहां 40 मुस्लिम युवक-युवतियों ने सनातन धर्म को अपनाया है। उन्होंने कहा कि यह धर्म परिवर्तन किसी दबाव या जोर-जबरदस्ती से नहीं, बल्कि स्वेच्छा से होता है। पालीवाल ने इसे रामानंदाचार्य जैसे संतों के प्रयासों की निरंतरता बताया, जो लोगों को सनातन धर्म से जोड़ने का कार्य कर रहे हैं।

मारुति नंदन का यह कदम देशभर में चर्चा का विषय बन गया है और इसे सनातन धर्म की व्यापकता और शांति के मार्ग के रूप में देखा जा रहा है।

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