इलाहाबाद हाईकोर्ट जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने के समर्थन में 208 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं. सोमवार को लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के चेयरमैन इस संबंध में प्रस्ताव सौंपे गए. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपे गए नोटिस पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद, अनुराग ठाकुर समेत कुल 145 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं. वहीं, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को सौंपे गए नोटिस पर 63 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं.
निचले सदन में अनुच्छेद 124, 217 और 218 के तहत नोटिस दिए गए हैं. किसी न्यायाधीश को हटाने के प्रस्ताव पर लोकसभा में कम से कम 100 और राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर होने चाहिए. महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार करना या नहीं करना स्पीकर के अधिकार में है. प्रस्ताव स्वीकार होने की स्थिति में कमिटी बनाई जाएगी, जो एक से तीन महीने में रिपोर्ट देगी.
दरअसल, 14 मार्च को होली की रात करीब 11.35 बजे जस्टिस वर्मा के सरकारी बंगले में आग लग गई थी. वह दिल्ली से बाहर थे. उनके परिवार वालों ने आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड को फोन लगाया. आग बुझाने बड़ी संख्या में पुलिस बल आई. इस दौरान वहां कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नोटों की गड्डी मिली थी. बताया जाता है कि एक पूरा कमरा नोटों से भरा मिला था.


