न्यूज़ फ्लिक्स भारत। एसपी बद्दी मामले में अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी। शुक्रवार को प्रदेश उच्च न्यायालय में इस मामले पर सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। एडवोकेट जनरल अनूप रत्न ने बताया कि सरकार जनरल ट्रांसफर कर रही है। इसलिए 3 अधिकारियों के नाम नहीं दे सकते थे। अगर एक ही जगह ट्रांसफर करना होता तो बात कुछ और थी। मामले पर अगली सुनवाई उसी बेंच के पास अब 28 फरवरी को होगी। इल्मा अफ़रोज़ को बद्दी में ही एसपी लगाए जाने की याचिका पर हाईकोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। इसमें कांग्रेस सरकार को नए SP के लिए 3 IPS अफसरों का पैनल देना था। मगर, सरकार ने कहा कि रूटीन ट्रांसफर की लिस्ट तैयार की जा रही है। इसके बाद हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले को लेकर यथास्थिति बनाए रखी जाए। इससे साफ है कि सरकार को अब इल्मा अफरोज को बद्दी एसपी लगाना होगा, जो छुट्टी से लौटने के बाद जॉइनिंग का इंतजार कर रही हैं।
बता दें कि सुच्चा राम ने प्रदेश उच्च न्यायालय में तर्क दिया था कि इल्मा अफरोज जब से बद्दी की एसपी बनीं हैं, तब से कानून व्यवस्था में बहुत सुधार हुआ है। उन्होंने माइनिंग माफिया पर अंकुश लगाया है। हाईकोर्ट और नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों को सख्ती से लागू किया है।
इस मामले को लेकर जब गुरुवार को सुनवाई हुई तो चीफ जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश सत्येन वेद्य की बेंच ने कहा था कि जनता अपनी पसंद का एसपी चाह रही है, जबकि सरकार अपनी पसंद का। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकार पैनल देने से ही पीछे हट गई।
बता दें कि इल्मा अफरोज ने 2024 में विधायक रामकुमार चौधरी की पत्नी की माइनिंग से जुड़ी गाड़ियों के चालान काटे थे। इससे विधायक नाराज हो गए थे। इसके बाद दोनों में टकराव बढ़ता गया। विधायक ने इल्मा को विधानसभा से विशेषाधिकार हनन का नोटिस तक दिलवा दिया था। इसके बाद बद्दी में एक फायरिंग कांड हुआ, जिसमे स्क्रैप कारोबारी राम किशन की बुलेट प्रूफ गाड़ी पर गोलियां चलाई गईं। वह पुलिस से ऑल इंडिया गन लाइसेंस की मांग कर रहा था, लेकिन SP इल्मा ने कारोबारी का पिछला रिकॉर्ड देखते हुए मंजूरी नहीं दी। जांच में पता चला कि राम किशन ने खुद ही गोलियां चलवाईं थी। इल्मा ने उस पर कार्रवाई शुरू कर दी। कारोबारी नेताओं का करीबी था।
बता दें कि 6 नवंबर 2024 को इल्मा DC-SP मीटिंग के लिए शिमला आईं। यहां नेताओं और अधिकारियों से मुलाकात के बाद शाम को वापस बद्दी लौट गईं। बद्दी से इल्मा अफरोज अपनी मां के साथ पूरा सामान समेटकर उत्तर प्रदेश स्थित अपने गांव लौट गई। इस दौरान उन्होंने किसी से कुछ नहीं कहा। इन सबके पीछे दून से कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी से इल्मा अफरोज का टकराव वजह माना गया। इल्मा पहले 40 दिन तक छुट्टी पर रही। फिर 16 दिसंबर को ड्यूटी पर लौटीं तो सरकार ने उन्हें पुलिस मुख्यालय में तैनाती दी।
