आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल इन दिनों गुजरात के दो दिवसीय दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने अहमदाबाद-राजकोट हाईवे पर स्थित प्रभु फार्म में पत्रकारों से बातचीत की. केजरीवाल ने खासतौर पर कपास किसानों की समस्याओं पर बात करते हुए केंद्र सरकार से चार अहम मांगें रखीं. उन्होंने कहा कि पहले कपास का दाम करीब 1500 रुपये प्रति मन हुआ करता था, लेकिन अब किसानों को सिर्फ 1200 रुपये मिल रहे हैं. बीज और मजदूरी के खर्च बढ़ने के बावजूद किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल रहा. उन्होंने चिंता जताई कि अगर अमेरिका से कपास का आयात बढ़ा, तो किसानों को और भी कम दाम यानी करीब 900 रुपये ही मिलेंगे.
केजरीवाल ने यह भी कहा कि अमेरिका ने अपने देश में भारतीय वस्तुओं पर भारी टैरिफ लगाया है जिससे भारत के व्यापार को नुकसान हो रहा है, खासकर सूरत के हीरा उद्योग को. उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि यदि अमेरिका 50% टैरिफ लगा रहा है, तो भारत को जवाब में 75% टैरिफ लगाना चाहिए. उन्होंने अमेरिका के रवैये पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि भारत को कमजोर नहीं दिखाना चाहिए.
कपास किसानों के लिए अरविंद केजरीवाल की चार प्रमुख मांगें:
अमेरिका से आने वाली कपास पर हटाई गई 11% आयात शुल्क फिर से लागू की जाए.
किसानों को 2100 रुपये प्रति मन के हिसाब से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) दिया जाए.
किसानों की फसल की सरकारी खरीद MSP दर पर की जाए.
बीज और अन्य कृषि सामग्रियों पर सब्सिडी दी जाए ताकि किसानों का खर्च कम हो.
गौरतलब है कि इससे पहले भी केजरीवाल ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किसानों के मुद्दों को उठाया था और 28 अगस्त को केंद्र सरकार से अमेरिकी कपास पर ज्यादा टैरिफ लगाने की मांग की थी. उनका मानना है कि अमेरिकी कपास पर ड्यूटी हटाने से भारतीय किसानों को भारी नुकसान होगा.
