हाइपरसोनिक प्लेन सिर्फ सात घंटे में लगाएगा दुनिया का चक्कर

हाइपरसोनिक मिसाइल के बाद चीन अब हाइपरसोनिक प्लेन बना रहा है। चीन एक ऐसा हाइपरसोनिक प्लेन बना रहा है, जो सिर्फ सात घंटे में पूरी धरती यानी दुनिया का चक्कर लगा सकता है। बीजिंग की कंपनी स्पेस ट्रांसपोर्टेशन ने अपने यूंक्सिंग प्रोटोटाइप विमान का पहला सफल परीक्षण किया है। यह एक कमर्शियल एयरक्राफ्ट है, जो कि मैक-4 की रफ्तार (यानी आवाज की रफ्तार से चार गुना अधिक स्पीड) से उड़ान भर सकता है। इस हाइपरसोनिक प्लेन की रफ्तार 3,069 मील प्रति घंटा यानी करीब पांच हजार किलोमीटर प्रति घंटा होगी। कंपनी का लक्ष्य 2027 तक फुल साइज के सुपरसोनिक पैसेंजर जेट की पहली उड़ान भरने का है। यह प्लेन रिटायर हो चुके कॉनकॉर्ड विमान से लगभग दोगुनी रफ्तार है।

सुपर सोनिक कॉनकॉर्ड करीब 2000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता था। यह ध्वनि की रफ्तार से दोगुनी से भी अधिक थी। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो यह हाइपरसोनिक विमान लंदन से न्यूयार्क के बीच की दूरी केवल डेढ़ से दो घंटे में पूरी कर सकता है। चीन इस पर जोर-शोर से काम कर रहा है। कंपनी की मानें तो यह हाइपरसोनिक विमान पेरिस से बीजिंग का सफर सिर्फ एक घंटे में पूरा कर सकता है। वहीं बीजिंग से न्यूयार्क की दूरी यह दो घंटे में तय कर सकेगा। इससे एक देश से दूसरे देश की यात्रा के समय में काफी कमी आएगी। अगर यह कामयाब हो जाता है, तो चीन का बनाया यह विमान लगभग 25 सालों में पहला सुपरसोनिक विमान बन जाएगा, जो यात्रियों को लेकर उड़ेगा। कॉनकॉर्ड ने 2003 में अपनी आखिरी उड़ान भरी थी।