हिमाचल में Homestay Policy को मंजूरी, नियमों में किया गया बदलाव

न्यूज़ फ्लिक्स भारत। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में कल यानी गुरुवार को कैबिनेट की बैठक हुई. इस बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए, जिनमें से सबसे अहम फैसला रहा होम स्टे नीति की मंजूरी देना. अब हिमाचल के लोग शहरों में भी होम स्टे संचालित कर सकते हैं और इसके लिए एनओसी लेने की आवश्यकता नहीं होगी.

बता दें कि सुक्खू कैबिनेट ने मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान की अध्यक्षता में होम स्टे के संचालन को लेकर बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिशओं को मंजूरी दे दी. नए नियमों के अनुसार, केवल हिमाचल के लोग ही होम स्टे चला सकेंगे. किसी बाहरी व्यक्ति को इसकी अनुमति नहीं होगी. इसका पंजीकरण हिमाचली बोनाफाइड व्यक्ति के नाम पर ही हो सकेगा. नए नियम में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों को दो कैटेगरी में बांटा गया है. इन दोनों क्षेत्रों में बिजली व पानी के बिल भी इनको अलग-अलग लगेंगे. साथ ही प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड या किसी अन्य विभाग की एनओसी लेने की जरूरत नहीं होगी.

होम स्टे पॉलिसी को साल 2008 में बनाया गया था. जिसके तहत पंजीकरण के मात्र 100 रुपये फीस लगती थी. अब नई नीति के अनुसार, नगर निगम क्षेत्र में आने वाले एक से तीन कमरों वाले होम स्टे के लिए रिन्यूवल फीस 8000 रुपये होगी. वहीं, नगर पंचायत,साडा व टीसीपी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले होम स्टे की फीस 5000 रुपये होगी. पंचायत क्षेत्र में आने वाले होम स्टे फीस 3000 रुपये कर दी गई है. चार से छह कमरों के होम स्टे जो नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं उनके पंजीकरण के लिए 12000 रुपये फीस का भुगतान करना होगा. इसके अलावा साडा, टीसीपी या नगर पंचायत के क्षेत्र में जो होम स्टे पंजीकृत होगा उसकी रिन्यूवल फीस 8000 रुपए होगी, जबकि पंचायतों में जो होम स्टे पंजीकृत होगा, उसकी रिन्यूवल व पंजीकरण फीस 6000 रुपए की गई है.

वहीं, अगर किसी व्यक्ति होम स्टे का पंजीकरण करवाता है और 3 साल की रिन्यूवल फीस एक साथ भर देता है तो उसे 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. साथ ही सीवरेज और वेस्ट मैनेजमेंट करना अनिवार्य कर दिया गया है. इसके अलावा होम स्टे में रेनवाटर हार्वेस्टिंग को प्रोत्साहित किया जाएगा.

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