हिमाचल प्रदेश में मानसून आने के साथ ही आपदा का मंजर देखने को मिला. प्रदेश में अबतक 700 करोड़ से ज्यादा का नुकसान आंका आ गया है. प्रदेश में मौसमी आपदा को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला प्रदेश सचिवालय में अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की. बैठक में प्रदेश में बरसात से हो रहे नुकसान की समीक्षा की गई और आने वाले दिनों में आपदा से निपटने के लिए भी विमर्श किया गया.
बैठक के बाद मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने मीडिया को ब्रीफ किया. नरेश चौहान ने बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को आपदा में राहत बचाव कार्य करने और आगामी दिनों के लिए तैयारी के निर्देश दिए हैं. प्रदेश में बारंबार हो रही आपदाओं के पीछे के कारणों की रिसर्च के लिए गृह मंत्री अमित शाह और IIT पुणे को पत्र लिखा है. वहीं, मुख्यमंत्री कल मंडी के आपदा प्रभावित क्षेत्र का भी दौरा करेंगे.
मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि आपदा को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने कार्यकाल में दूसरी बार बैठक बुलाई. साल 2023 में बड़ी आपदा प्रदेश में आई थी और इस साल बरसात की शुरुआत में ही बड़ा नुकसान हुआ है. मंडी में बादल फटने से बड़ी प्राकृतिक आपदा आई है. साल 2025 में प्रदेश में 23 फ्लैश फ्लड और 19 जगह बादल फटे हैं. 730 लोग 13 कैंपों में रह रहे हैं. प्रदेश को 700 करोड़ के करीब का नुकसान हुआ है.
वहीं, नरेश चौहान ने मंडी सांसद कंगना रनौत पर भी हमला बोला है. नरेश चौहान ने कंगना पर निशाना साधते हुए कहा कि वह देरी से मंडी नहीं पहुंची हैं. जयराम ठाकुर और मंडी के लोग उन्हें ढूंढ रहे थे. उन्होंने कहा कि कंगना को जानकारी नहीं है. वह नुकसान के 700 करोड़ केंद्र से दिलाएंगी तो उन्हें एक एक पैसे का हिसाब देंगे. उन्होंने कहा कि कंगना को मंत्री बनाना पीएम मोदी का अधिकार क्षेत्र है. अगर आवश्यकता है तो तो मुख्यमंत्री के बात करके उनकी ओर से चिट्ठी भी पीएम को भेज देंगे. लेकिन मंत्री बनने के लिए कंगना को भाजपा नेताओं से भी एनओसी लेनी पड़ेगी.
