हिमाचल प्रदेश राजभवन का नाम बदलकर अब आधिकारिक रूप से लोकभवन कर दिया गया है। केंद्र सरकार के निर्णय के बाद राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल ने अधिसूचना को मंजूरी दी, जिसके साथ ही सभी सरकारी दस्तावेज़ों, वेबसाइटों और भवन संकेतकों में नया नाम अनिवार्य हो गया है। विभागों ने रिकॉर्ड अपडेट करने और परिसर में लगे साइनबोर्ड बदलने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
1932 में निर्मित यह भवन, जो मूल रूप से बार्नस कोर्ट के नाम से जाना जाता था, नियो-ट्यूडर शैली और धज्जी दीवार निर्माण का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह पंजाब का ग्रीष्मकालीन राजभवन भी रहा और 1981 में पीटरहॉफ में आग लगने के बाद स्थायी राजभवन बना।
यह वही ऐतिहासिक स्थल है जहां 3 जुलाई 1972 को इंदिरा गांधी और जुल्फीकार अली भुट्टो ने शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
लोकभवन में आज भी दो मंज़िला दरबार हॉल, स्वतंत्रता-पूर्व हथियारों का संग्रह, ब्रिटिशकालीन बिलियर्ड्स टेबल, औपचारिक सभागार तथा शिव–हनुमान मंदिर जैसे आकर्षण सुरक्षित हैं। नए नाम के साथ यह धरोहर अपने इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ चुकी है।


