हिमाचल हाईकोर्ट ने CPS कानून किया निरस्त, BJP अध्यक्ष बिंदल ने किया स्वागत

न्यूज़ फ्लिक्स भारत। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने सीपीएस नियुक्ति मामले में बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी 6 सीपीएस को हटाने का आदेश दिया है. इसके तहत सीपीएस को दी जा रही सभी सुविधाओं को खत्म कर दिया गया है. कोर्ट ने सीपीएस की नियुक्तियों को असंवैधानिक बताया है. इस मामले में अदालत में पीपल फॉर रिस्पॉन्सिबल गवर्नेंस संस्था की ओर से वर्ष 2016 में याचिका दायर की गई थी. वहीं, अदालत में दूसरी याचिका कल्पना और तीसरी भाजपा नेता पूर्व सीपीएस सतपाल सत्ती सहित अन्य 11 भाजपा के विधायकों की ओर से दायर की गई थी. बता दें कि 2022 में सरकार बनने के बाद 8 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंत्रिमंडल गठन से पहले 6 विधायकों को सीपीएस बनाया था. इनमें विधायक मोहन लाल ब्राक्टा, सुंदर सिंह ठाकुर, राम कुमार चौधरी, आशीष बुटेल, संजय अवस्थी और किशोरी लाल शामिल हैं.


वहीं, इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिन्दल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के महत्वपूर्ण फैसले ने साबित कर दिया कि हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार ने किस प्रकार गैर कानूनी तरीके से मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्ति करते हुए दो साल व्यतीत कर दिए. लगातार हिमाचल प्रदेश के पैसे का दुरूपयोग हुआ, शक्तियों का दुरूपयोग हुआ, 6 मुख्य संसदीय सचिव बनाकर उनको मंत्रियो के बराबर शक्तियां देना गैर कानूनी रहा, संविधान के खिलाफ रहा. डॉ. बिन्दल ने कहा कि हम हिमाचल प्रदेश के माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं जिन्होनें सभी 6 मुख्य संसदीय सचिवों को पदच्युत करने का निर्देश दिया. इनकी शक्तियां व कानून को समाप्त करने का जो फैंसला किया, वो स्वागत योग्य कदम है और हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ अन्यायपूर्ण रवैया वर्तमान कांग्रेस सरकार ने किया है, हम उसकी निंदा करते हैं.

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