हिमाचल सरकार की जॉब ट्रेनी भर्ती नीति युवाओं के साथ भद्दा मजाक: सुधीर शर्मा

धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान विधायक सुधीर शर्मा ने हिमाचल प्रदेश सरकार के कार्मिक विभाग द्वारा अधिसूचित जॉब ट्रेनी नीति पर सवाल उठाते हुए कहा की प्रदेश सरकार ने ऐसा करके प्रदेश के युवाओं के साथ भद्दा मज़ाक करने का दुसाहस किया है। उन्होंने ने कहा की पिछले ढाई वर्षों से प्रदेश की नौजवान पीढ़ी इसी आस में दिन रात मेहनत कर रही है की कब प्रदेश सरकार कोई नौकरियां निकाले और वे उसके लिए आवेदन करें। परंतु सरकारी नौकरी तो दूर की बात नई पॉलिसी लाकर सरकार ने बेरोजगारों के सपनों पर पानी फेर दिया।

शर्मा ने इस नीति पर सवाल उठाते हुए कहा की पहले तो युवा दिन रात मेहनत करके अपना चयन करवाएँगे उसके बाद भी इसमें पक्की नौकरी की सरकार ने कोई गारंटी नहीं दी है। दो वर्ष की ट्रेनिंग करने के उपरांत चयनित अभियार्थियों को फिर से परीक्षा देना ख़ुद में ही हास्यास्पद विषय है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार स्पष्ट करे जब सरकार के पास ख़ुद के इतने विभाग हैं तो फ़िर चयन प्रक्रिया का काम किसी एजेंसी से करवाने की क्या ज़रूरत है या सिर्फ़ यहाँ भी अपने निजी स्वार्थ के लिए और अपने मित्रों को लाभ देने के लिए निजी एजेंसियों को काम सौंप कर अपने लोगों को फ़ायदा पहुँचाना है।

सुधीर शर्मा ने यह भी कहा कि एक व्यक्ति जो कड़ी मेहनत करने के बाद अपने जीवन के बहुमुल्य दो साल सरकार को देगा उसके साथ प्रदेश सरकार का ऐसा खिलवाड़ करना सरासर गलत है। उन्होंने कहा की इस नीति से यह पूरी तरह साफ है कि सरकार हर मोर्चे पर विफल है और भ्रम फैलाकर राज्य के मासूम युवाओं को ठगने का प्रयास कर रही है। यह नीति ना केवल उनके भविष्य को खतरे में डालती है, बल्कि यह नौकरी के नाम पर एक छलावा है।

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