हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क परियोजना को केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से बहुप्रतीक्षित पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त हो गई है. यह स्वीकृति देश के फार्मास्युटिकल क्षेत्र की सबसे महत्त्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में से एक के लिए मार्ग प्रशस्त करती है, जिसका उद्देश्य भारत की API (Active Pharmaceutical Ingredients) और प्रमुख कच्चे माल के लिए अन्य देशों पर निर्भरता को कम करना है.
मार्च 2020 में केंद्र सरकार द्वारा बल्क ड्रग पार्क को प्रोत्साहित करने की योजना की शुरुआत की गई थी, जिसके तहत जुलाई 2020 में दिशानिर्देश जारी किए गए. हिमाचल प्रदेश के उद्योग विभाग ने इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार कर केंद्रीय फार्मास्यूटिकल्स विभाग को प्रस्तुत की, जिसे अक्तूबर 2022 में योजना संचालन समिति द्वारा अंतिम स्वीकृति मिली.
यह परियोजना 996.45 करोड़ रुपये केंद्र सरकार और 1,074.55 करोड़ रुपये राज्य सरकार की साझी भागीदारी से क्रियान्वित की जा रही है. इसके तहत अनुमानित 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये तक का निवेश संभावित है, जिससे 15,000 से 20,000 लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की उम्मीद है. इस मेगा प्रोजेक्ट को हिमाचल प्रदेश बल्क ड्रग पार्क इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (SPV) द्वारा लागू किया जा रहा है, जो राज्य उद्योग विभाग के अधीन कार्य कर रही है.
तकनीकी मूल्यांकन और पर्यावरणीय समीक्षा
जनवरी 2025 में पर्यावरण आकलन समिति (EAC) की बैठक में परियोजना पर विचार किया गया, जिसके उपरांत एक उप-समिति ने साइट निरीक्षण किया. EAC के सुझावों के अनुसार, एनआईटी हमीरपुर द्वारा जल निकासी प्रणाली, भूकंपीय जोखिम, पारिस्थितिकी पर प्रभाव, भूस्खलन संभाव्यता जैसी तकनीकी रिपोर्ट तैयार की गई.
राज्य नेतृत्व की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसे हिमाचल प्रदेश के लिए “औद्योगिक क्रांति का प्रारंभ” बताते हुए कहा कि ऊना का बल्क ड्रग पार्क राज्य को भारत में फार्मा निर्माण का अग्रणी केंद्र बनाएगा और युवाओं के लिए व्यापक रोजगार के अवसर खोलेगा. उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि पर्यावरणीय मंजूरी मिलने से अब परियोजना के अगले चरण तेजी से शुरू होंगे और यह पार्क फार्मा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करेगा. अतिरिक्त मुख्य सचिव आर.डी. नजीम ने परियोजना को समय पर पूरा करने की प्रतिबद्धता जताई, वहीं उद्योग निदेशक डॉ. यूनुस ने कहा कि API और KSM में आत्मनिर्भरता के लिए यह परियोजना एक निर्णायक पहल साबित होगी.
औद्योगिक जगत से सराहना
फेडरेशन ऑफ फार्मा एंटरप्रेन्योर्स के अध्यक्ष बी.आर. सीकरी ने परियोजना से जुड़े सभी अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह पार्क एक मजबूत और टिकाऊ फार्मा इको-सिस्टम की आधारशिला रखेगा. वहीं, हिमाचल ड्रग मैन्युफैक्चर एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. राजेश गुप्ता, बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव अग्रवाल, फार्मा टेस्टिंग लैब के सीईओ संजय शर्मा, हरोली ब्लॉक इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कौशल ने ऊना में बल्क ड्रग पार्क के लिए पर्यावरणीय मंजूरी मिलने पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि यह हिमाचल प्रदेश के लिए एक नए युग का प्रतीक है, जहां विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा फार्मास्युटिकल मूल्य श्रृंखला को मजबूत करेगा, गुणवत्ता आश्वासन को बढ़ाएगा और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा.
