हिमाचल दिवस : पहाड़ की चुनौतियों को पार कर मॉडल हिल स्टेट बना हिमाचल प्रदेश

हिमाचल आज अपना 78वां स्थापना दिवस मना रहा है। पहाड़ों के बीच बसे इस सुंदर से राज्य की स्थापना आज के ही दिन यानि 15 अप्रैल 1948 को हुई थी। हिमाचल प्रदेश की पहचान विदेशों तक पहुंच चुकी है। हिमाचल में शिक्षा, परिवहन, ऊर्जा, पर्यटन, बागवानी, कृषि और अन्य क्षेत्रों में देश के कई बड़े राज्यों से बेहतर काम किया है.

बता दें कि 15 अप्रैल 1948 को 30 छोटी-बड़ी रियासतों को मिलाकर हिमाचल का गठन किया गया था. चंबा, महासू, मंडी, सिरमौर हिमाचल के चार जिले थे. 15 अप्रैल 1948 को जब यह प्रांत अपने अस्तित्व में आया तो उस समय कनेक्टिविटी और आधारभूत ढांचा बहुत कमजोर था। ज्यादातर लोग पढ़े-लिखे नहीं थे। दुर्गम क्षेत्र शेष देश और दुनिया की मुख्यधारा से कटे हुए थे, पर हिमाचल राष्ट्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ता रहा। आज यहां आम आदमी का जीवन स्तर भी अन्य राज्यों की तुलना में बेहतरीन है। रोटी, कपड़ा और मकान की मूलभूत चिंताओं से आगे निकल कर हिमाचल तरक्की के नए आयाम स्थापित कर रहा है। तमाम आर्थिक और अन्य चुनौतियों का सामना करते इस पहाड़ी प्रांत की प्रतिव्यक्ति आय 2,57,212 रुपये पहुंच गई है।

ये है इतिहास –

15 अप्रैल 1948 को भारतीय गणराज्य के चीफ कमिश्नर प्रांत रूप में हिमाचल प्रदेश का गठन हुआ। 30 रियासतों को इकट्ठा कर इस राज्य की प्रारंभिक रूपरेखा तैयार हुई। शुरू में हिमाचल के चार जिले महासू, सिरमौर, चंबा और मंडी थे। 26 जनवरी 1950 को संविधान बनने के बाद इसे सी श्रेणी राज्य का दर्जा मिला। 1 जुलाई 1954 को बिलासपुर को हिमाचल में मिलाया गया, जो पांचवां जिला बना। 1 नवंबर 1956 को यह केंद्रशासित प्रदेश बना। फिर 1 मई 1966 में कांगड़ा हिमाचल का एक अन्य जिला बना। 1 नवंबर 1966 को पंजाब का पुनर्गठन हुआ। उस वक्त पंजाब के कुछ पहाड़ी क्षेत्र हिमाचल में मिला लिए गए। 18 दिसंबर 1970 को संसद में हिमाचल प्रदेश राज्य अधिनियम पारित हुआ और 25 जनवरी 1971 को हिमाचल एक नए पूर्ण राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।

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