अमरूद को यूँ ही “आयुर्वेद का अमृतफल’’ नहीं कहा जाता। सर्दियों में इसका रोजाना सेवन शरीर के पाचन तंत्र से लेकर दिल तक, पूरे सिस्टम को संतुलित और मजबूत बनाए रखने में मदद करता है। इस फल में विटामिन C की प्रचुर मात्रा होती है, जो इम्युनिटी को मजबूती देता है, त्वचा को निखारता है और संक्रमणों से बचाव करता है। इसके अलावा इसमें फाइबर, पोटैशियम और कई तरह के एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं, जो इसे आधुनिक पोषण विज्ञान के अनुसार भी बेहद फायदेमंद बनाते हैं।
वैज्ञानिकों ने भी बताया है कि अमरूद में मौजूद लाइकोपीन, पॉलीफेनोल्स और क्वेरसेटिन शरीर में सूजन, संक्रमण और सेल डैमेज से बचाने का काम करते हैं। ये तत्व कोशिकाओं की सुरक्षा कर शरीर को अंदर से मजबूत बनाते हैं। पाचन कमजोर होने या कब्ज की समस्या से परेशान लोगों के लिए अमरूद किसी प्राकृतिक उपाय से कम नहीं है। इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को सक्रिय रखता है। आयुर्वेद के अनुसार यह फल ‘अग्नि’ को संतुलित कर पाचन शक्ति को बेहतर बनाता है और शरीर की ऊर्जा को सही दिशा देता है।
आयुर्वेद में अमरूद के हर हिस्से को औषधीय गुणों वाला माना गया है। इसके पत्तों का काढ़ा दांत दर्द, मुंह के छाले, दस्त और महिलाओं से जुड़ी कुछ समस्याओं में लाभकारी माना जाता है। वहीं इसकी छाल और जड़ पेट की कमजोरी और उल्टी जैसी स्थितियों में उपयोगी मानी जाती है। डायबिटीज और हाई बीपी वाले लोगों के लिए भी अमरूद बेहद उपयुक्त है। इसमें शुगर कम होती है और फाइबर ज्यादा, जिससे ब्लड शुगर स्तर नियंत्रित रहता है। साथ ही पोटैशियम हृदय को स्वस्थ रखने और ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में मदद करता है। सर्दियों में रोज एक अमरूद खाना आपकी दिनचर्या में छोटा सा बदलाव जरूर है, लेकिन इसके फायदे लंबे समय तक आपकी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं।


