मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आईजीएमसी शिमला व अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशिलिटी, चमियाणा के फैकल्टी सदस्यों के साथ संवाद करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों के विभाग प्रमुखों ने अपनी प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय की आवश्यकताओं के अनुरूप राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष के भीतर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में 20 वर्षों से अधिक पुरानी मशीनों और उपकरणों को बदला जाएगा। सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल चमियाणा व टांडा मेडिकल कॉलेज में दो माह के भीतर रोबोटिक सर्जरी की सुविधा को आरंभ कर दिया जाएगा। सभी मेडिकल कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से थ्री टेस्ला एमआरआई मशीनें भी स्थापित की जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कोई विशेष ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण मरीजों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार को प्राथमिकता दी है और मेडिकल टेक्नोलोजी पर 1350 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल बनाने को सरकार धन उपलब्ध करवाएगी और मरीजों के साथ-साथ स्टाफ के लिए भी पार्किंग सुविधा को सुदृढ़ किया जाएगा।
सीएम ने कहा कि राज्य सरकार आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न खाली पदों को भरने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकार डॉक्टरों के पदों को भर रही है और नर्सों की भर्ती में कोरोना महामारी के समय काम करने वाली नर्सों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ टेक्नीशियन की भर्ती भी की जा रही है। हम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार डॉक्टर-मरीज अनुपात तथा नर्स-मरीज अनुपात को सुनिश्चित कर रहे हैं ताकि उन्हें काम के लिए बेहतर वातावरण मिल सके। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, विधायक हरीश जनारथा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


