हर निजी संपत्ति पर कब्ज़ा नहीं कर सकती सरकार – सुप्रीम कोर्ट

न्यूज़ फिल्क्स भारत। सुप्रीम कोर्ट ने निजी संपत्ति विवाद में बड़ा फैसला सुनाया है. इस मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी निजी संपत्ति समुदाय के भौतिक संसाधन नहीं. कुछ निजी संपत्ति समुदाय के भौतिक संसाधन हो सकती हैं. ये ⁠9 जजों के संविधान पीठ का फैसला है, जिसने 1978 से लेकर अभी तक के सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले पलट दिये हैं. सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूंड़ की अगुवाई वाली 9 जजों की बेंच दशकों पुराने इस विवाद पर अपना फैसला सुनाया है. भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली नौ-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने इस साल 1 मई को सुनवाई के बाद निजी संपत्ति मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिय था. मामले में फैसला सुनाते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘तीन जजमेंट हैं, मेरा और 6 जजों का… जस्टिस नागरत्ना का आंशिक सहमति वाला और जस्टिस धुलिया का असहमति वाला. हम मानते हैं कि अनुच्छेद 31सी को केशवानंद भारती मामले में जिस हद तक बरकरार रखा गया था, वह बरकरार है.

सुप्रीम कोर्ट आज निजी संपत्ति मामले में कुल 16 याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगी. इनमें मुख्‍य याचिका मुंबई के प्रॉपर्टी मालिकों के संघ की है. साल 1986 में महाराष्ट्र में कानून में किए गए संशोधन को चुनौती दी गई है, जिसमें प्राइवेट बिल्डिंग के अधिग्रहण का अधिकार, मरम्मत और सुरक्षा के लिए अधिग्रहण का अधिकार शामिल है. याचिकाकर्ता का कहना है कि कानून में किया गया ये संशोधन भेदभाव पूर्ण है. निजी संपत्ति पर कब्जे की कोशिश है. वहीं, महाराष्‍ट्र सरकार का कहना है कि ये संविधान के मुताबिक संशोधन है.

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