पूर्व मंत्री राजेंद्र गर्ग ने सचिवालय कर्मियों के प्रति अमर्यादित भाषा पर तकनीकी शिक्षा मंत्री को घेरा

सचिवालय के कर्मियों को अमर्यादित भाषा व गुंडे मवाली के शब्द प्रयोग करने पर पूर्व खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेंद्र गर्ग ने तकनीकी शिक्षा मंत्री एवं घुमारवीं के विधायक को घेरा है। गर्ग ने कहा कि कर्मचारी वर्ग किसी भी सरकार की रीढ़ की हड्डी होती है। लेकिन, तकनीकी शिक्षा मंत्री ने जिस अमर्यादित भाषा का प्रयोग सचिवालय के कर्मियों के प्रति किया, वो निंदनीय है। तकनीकी शिक्षा मंत्री को अपने पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए, वो केवल अब घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र का ही प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि मंत्री बनने के बाद अपने विभागों के प्रति प्रदेश की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि सचिवालय के कर्मचारियों के प्रति जो द्वेष भावना तकनीकी शिक्षा मंत्री ने दिखाई है, उससे घुमारवीं के ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश के लोग अचंभित हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह से मंत्री ने कर्मचारियों के प्रति अमर्यादित भाषा का प्रयोग करके अपनी किरकिरी करवाई है, उससे घुमारवीं की देवतुल्य जनता के मान सम्मान को भी ठेस लगी है। जिन्होंने इनको विधायक चुनकर घुमारवीं विधानसभा क्षेत्र से भेजा और जिनकी ताक़त की बदौलत मंत्री बने। गर्ग ने मुख्यमंत्री से भी इस बारे सोच विचार करने की मांग की है। गर्ग ने कहा कि माननीय तकनीकी शिक्षा मंत्री कह रहे थे कि प्रदेश में नोट छापने की कोई मशीन नहीं है। उन्होंने मंत्री से सवाल दागा है कि इससे पूर्व की सरकारों के पास भी नोट छापने की मशीन नहीं होती थी। चुनावों के समय कांग्रेस ने कर्मचारियों, महिलाओं, युवाओं, किसानों व बागवानों सहित अन्य वर्गों को झूठे वायदों की गारंटिया क्यों दी। अब सचिवालय के कर्मचारी अपने हक की बात कर रहे थे, तो उन पर अमर्यादित भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि मंत्री की इस बात पर मुहर लग गई कि कांग्रेस ने केवल लोगों को छलने के लिए झूठी गारंटियां दी थी। जब कर्मचारी अपने हक की बात कर रहे हैं, तो उन पर बेवजह भड़क कर अमर्यादित भाषा का प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुंडे व मवाली जैसी भाषा का प्रयोग करना संवैधानिक पद पर बैठने वालों को शोभा नहीं देते हैं।

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