चंडीगढ़ में पूर्व IAS अधिकारी के घर रेड, 12 करोड़ के हीरे व अन्य सामान बरामद

न्यूज़ फ्लिक्स भारत। लोटस-300 प्रोजेक्ट से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने आज 19 सितंबर को चंडीगढ़ में एक रिटायर्ड IAS अधिकारी के घर रेड मारी है. इस रेड में टीम ने रिटायर अधिकारी के घर से करीब 1 करोड़ रुपए की नकदी, 12 करोड़ रुपए के हीरे, 7 करोड़ रुपए के सोने के आभूषण और कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद किए हैं. यह छापा लग्जरी फ्लैट बनाने वाली कंपनी होसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के एक प्रोजेक्ट लोटस-300 से जुड़े पूर्व अधिकारी मोहिंदर सिंह के घर पर मारा गया. बता दें कि मोहिंदर सिंह साल 2011 में नोएडा विकास प्राधिकरण (NDA) के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) रह चुके हैं. सूत्रों के अनुसार, ED ने बीते 2 दिनों के अंदर दिल्ली, मेरठ और नोएडा समेत चंडीगढ़ में करीब एक दर्जन जगहों पर छापे मारे हैं. ED को कुछ सबूत मिले हैं, जो दर्शाते हैं कि प्रोजेक्ट लोटस-300 को पूरा करने के दौरान घोटाला किया गया है. इसलिए, प्रोजेक्ट में शामिल रहे प्रत्येक व्यक्ति की संपत्ति खंगालने की कोशिश की जा रही है. सूत्रों की मानें तो यह करीब 300 करोड़ रुपए के घोटाले का मामला है.

लोटस 300 प्रोजेक्ट में 300 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ था. 2018 में शुरू हुए इस प्रोजेक्ट में होसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को लोटस-300 प्रोजेक्ट को विकसित करने के लिए नोएडा के सेक्टर 107 में जमीन दी गई थी. उस समय इस मामले में हाईकोर्ट ने लापरवाही के लिए नोएडा विकास प्राधिकरण को भी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने NDA को फटकारा था, क्योंकि उसने 10 साल से अधिक समय से अपने बकाये के भुगतान की स्थिति का पता लगाने लिए कोई कदम नहीं उठाया था. इस दौरान दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने नोएडा के सेक्टर 107 में लोटस-300 प्रोजेक्ट के मामले में रियल एस्टेट कंपनी 3सी के 3 डायरेक्टर निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह और विदुर भारद्वाज को अरेस्ट किया था. आर्थिक अपराध शाखा के अधिकारियों के अनुसार, 24 मार्च 2018 को घर खरीदने वालों की शिकायत पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. पुलिस के मुताबिक, ग्राहकों से प्रोजेक्ट में 636 करोड़ रुपए लिए गए थे, जिसमें से करीब 191 करोड़ की रकम 3C कंपनी की उप-कंपनी में ट्रांसफर की गई, जिनका कंस्ट्रक्शन से कोई लेना-देना नहीं था.

मोहिंदर सिंह का नाम बसपा सरकार में नोएडा और लखनऊ में महापुरुषों के नाम पर बने स्मारकों व पार्कों के निर्माण में 14 अरब रुपए के घोटाले में भी सामने आया था. उस समय विजिलेंस ब्यूरो ने मोहिंदर से पूछताछ के लिए नोटिस भी जारी किया था, लेकिन आस्ट्रेलिया में होने की वजह से वह पेश नहीं हुए. मोहिंदर सिंह की गिनती बसपा सरकार के खास अफसरों में की जाती थी. उन्हें नवंबर 2011 में नोएडा अथॉरिटी का CEO बनाया गया. इस मामले में बसपा सरकार में मंत्री रहे बाबू सिंह कुशवाहा और नसीमुद्दीन सिद्दीकी भी जांच के दायरे में आए थे.