एंटी कफ, कोल्ड सहित 156 दवाओं का फिक्स डोज कांबिनेशन बंद

न्यूजफलिक्स भारत : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने देश में 156 दवाओं के फिक्स डोज कंबिनेशन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने लिस्ट जारी कर इन दवाओं को भारतीय बाजार में तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया है और अब भविष्य में इन फिक्स डोज कंबिनेशन में इनका उत्पादन नहीं होगा। यह दवाएं अधिकतर एंटीबायोटिक, एंटी एलर्जिक, दर्द, बुखार, हाइपरटेंशन, मल्टी विटामिन समेत अन्य कई तरह की बीमारियों में इस्तेमाल की जाती थीं। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक टीम लंबे समय से कई तरफ के फारमूेलों का अध्ययन कर रही थी और इस छानबीन में पाया गया है कि पिछले कई दशकों से चल रहे इस कंबिनेशन का अब वर्तमान परिस्थितियों में अधिक महत्व नहीं रह गया है। हालांकि 156 दवाओं की सूची में कुछ दवाएं ऐसी हैं, जिनसे भारत के फार्मा जगत में हलचल पैदा हो गई है। वहीं 100 के करीब दवाएं ऐसी हैं, जिनके नए वर्जन या नए फारमूला अब नए लाइसेंस के साथ स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी कर दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय का तर्क है कि बंद किए गए 156 फारमूला वाली दवाओं से किसी तरह की जान का जोखिम नहीं है, बल्कि इन्हें नए हो रहे बदलाव व नए तौर तरीकों को देखते हुए बंद कर दिया गया है। इन्हीं दवाओं को अलग मालीक्यूल व फारमूला के जरिए तैयार किया जा रहा है।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड लंबे समय से इन दवाओं का अध्ययन कर रहा था। अध्ययन में पाया गया कि उपरोक्त दवाओं को नए वर्जन में तैयार किया जा रहा है जो कि बीमारियों में अधिक प्रभावी हैं। इसी के चलते डीटीएबी की सिफारिश के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने यह फैसला किया है। बता दें कि पिछले वर्ष भी केंद्र सरकार ने करीब 14 दवाओं के फिक्स कंबिनेशन डोज पर प्रतिबंध लगाया था। सरकार द्वारा समय समय पर दवाओं के इस्तेमाल व उनके असर पर अध्ययन चलता रहा है और दवाओं के कंबिनेशन को इसी के चलते बदल भी दिया जाता है।

भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बंद की गई 156 दवाओं के फिक्स कंबिनेशन से फार्मा उद्यमियों पर खास अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसमें से करीब 30 फीसदी फिक्स कंबिनेशन ऐसे हैं, जिन्हें अब भी फार्मा उद्योग तैयार कर रहे हैं और उनका स्टॉक भारतीय बाजार में उपलब्ध होगा। ऐसे फार्मा उद्यमी दिल्ली हाई कोर्ट जा सकते हैं और कुछ समय के लिए वह स्टे के लिए आवेदन कर सकते हैं। इससे पहले भी कुछ फार्मा उद्यमियों ने इस तरह से अपनी दवाओं के बेचे जाने तक स्टे लिया था।
……राजेश गुप्ता, राष्ट्रीय अध्यक्ष, लघु उद्योग भारती फार्मा विंग।

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