कश्मीर घाटी से दिल्ली तक पहली मालवाहक पार्सल ट्रेन का शुभारंभ सिर्फ एक नई परिवहन सेवा की शुरुआत नहीं, बल्कि घाटी की बागवानी आधारित अर्थव्यवस्था में नए युग का आगाज़ है. उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने नौगाम स्टेशन से इस सेवा को हरी झंडी दिखाकर एक ऐतिहासिक पहल की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य कश्मीर की ताजगी से भरपूर फसलों को सीधे राष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाना है.
घाटी की अर्थव्यवस्था मुख्यतः सेब, अखरोट, चेरी और अन्य जल्दी खराब होने वाले फलों पर आधारित है. अभी तक ये उत्पाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्भरता, भूस्खलन और मौसम की मार के कारण समय पर नहीं पहुंच पाते थे, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता था. अब यह नया रेल कॉरिडोर प्रतिदिन 23-24 टन फल दिल्ली पहुंचाने में सक्षम होगा, वो भी अगले ही दिन, जिससे न केवल गुणवत्ता बरकरार रहेगी, बल्कि लॉजिस्टिक लागत भी कम होगी.
इस सेवा से घाटी के किसानों को न सिर्फ आर्थिक सुरक्षा मिलेगी, बल्कि उनकी उपज को देश के बड़े बाजारों से स्थायी रूप से जोड़ा जा सकेगा. साथ ही, ट्रक पर निर्भरता घटेगी, और सड़क पर दबाव कम होगा. यह पहल केवल आर्थिक नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकीकरण का भी माध्यम बनेगी – कश्मीर अब और अधिक मजबूती से शेष भारत से जुड़ता नजर आएगा.
