वित्त मंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वे, सरकार का रोजगार पर खास फोकस

 वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इकोनॉमिक सर्वे पेश कर दिया है। इसमें देश की अर्थव्यवस्था के सामने मौजूद चुनौतियों और संभावनाओं के बारे में विस्तार से बात की गई। सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में रियल जीडीपी ग्रोथ 6.3 से 6.8 फीसदी रहने का अनुमान दिया है।

विकास दर में उतार-चढ़ाव: आर्थिक सर्वे में घरेलू और वैश्विक चुनौतियों का जिक्र किया गया है, और विकास दर में उतार-चढ़ाव की संभावना जताई गई है। 2025-26 में रियल जीडीपी ग्रोथ 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान है, वहीं 2024-25 में यह 6.4% रहने का अनुमान है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में अर्थव्यवस्था ने 8.4% की तेज़ वृद्धि दर्ज की थी।

रोजगार के अवसर: सर्वे में रोजगार पर विशेष ध्यान दिया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि 2030 तक गैर-कृषि क्षेत्र में औसतन 78.5 लाख नौकरियों का सृजन होगा। सरकारी योजनाओं के तहत सर्विस सेक्टर के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार बढ़ाने की कोशिश की जाएगी।

महंगाई की चुनौती: वित्त मंत्री ने माना कि महंगाई सरकार और आरबीआई के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। महंगाई को काबू में करने के लिए आरबीआई ने लंबे समय से ब्याज दरों में बदलाव नहीं किया है, जो अर्थव्यवस्था की धीमी गति का एक प्रमुख कारण है।

कृषि और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र: सर्वे में कृषि और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र की स्थिति पर भी प्रकाश डाला गया है। इन क्षेत्रों में सुधार के लिए कई योजनाओं का प्रस्ताव है, ताकि देश की आर्थिक वृद्धि को और मजबूती मिल सके।

ग्लोबल आउटलुक: वैश्विक अर्थव्यवस्था की स्थिति का भी विश्लेषण किया गया है, और बताया गया है कि भारत को वैश्विक चुनौतियों के बावजूद अपनी वृद्धि को बनाए रखने की उम्मीद है।

उधारी और वित्तीय घाटा: सर्वे में भारत की उधारी और वित्तीय घाटे की स्थिति का भी जिक्र किया गया है, और वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने के लिए सरकार की रणनीतियों का उल्लेख किया गया है।

विदेशी निवेश: आर्थिक सर्वे में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के उपायों पर भी विचार किया गया है। सरकार की योजनाओं में विदेशी निवेश बढ़ाने के लिए कई सुधारों का प्रस्ताव किया गया है।

स्मार्ट सिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर: सर्वे में स्मार्ट सिटी और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों का भी जिक्र किया गया है।

डिजिटल ट्रांजैक्शन्स: डिजिटल अर्थव्यवस्था के विस्तार के लिए सरकार की योजनाओं को प्रमुख रूप से शामिल किया गया है। सरकार का उद्देश्य देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन्स को बढ़ावा देना है।

आर्थिक सुधार और भविष्य की रणनीतियाँ: सर्वे में आर्थिक सुधारों के रोडमैप का भी उल्लेख किया गया है, जो देश की दीर्घकालिक विकास योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

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