विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव से कर्मचारी नाराज, 17 सितंबर को करेंगे महासभा

न्यूज़ फ्लिक्स भारत, हिमाचल। हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री राजेश धर्माणी ने राज्य सचिवालय के कर्मचारी नेताओं के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव दिया था. जिस पर विधानसभा सचिवालय ने कार्रवाई करते हुए सचिवालय के कर्मचारी नेताओं के खिलाफ 15 दिन में रिपोर्ट तलब की है.

हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं महासंघ के अध्यक्ष संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि आज से पहले प्रदेश में कभी भी कर्मचारी नेताओं के खिलाफ इस तरह का प्रस्ताव नहीं लाया गया है. संजीव ने कहा कि पहले भी मुख्यमंत्री के साथ अपनी मांगों को लेकर लड़ते रहे हैं, लेकिन कभी भी इस तरह का प्रस्ताव नहीं लाया गया.

उन्होंने कहा कि राज्य की जनता जानती है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने में कर्मचारियों का बड़ा योगदान रहा है. बावजूद इसके यह विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाया जा रहा है. सचिवालय अधिकारियों तथा कर्मचारियों ने विधानसभा के दौरान पूर्ण निष्ठा एवं ईमानदारी से काम किया है. विधानसभा की कार्यवाही में कोई रुकावट नहीं आने दी गई.

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के सभी कर्मचारी लंबित DA और एरियर के भुगतान की मांग उठा रहे हैं. वह अपनी मांग पर अब भी अड़े हैं. सरकार उन्हें दबा नहीं सकती है. सचिवालय सेवाएं महासंघ ने अब 17 सितंबर को महासंघ महासभा करने का ऐलान किया है.

बता दें कि सचिवालय सेवाएं संगठन और सचिवालय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा. महासचिव कमल किशेर शर्मा, सचिवालय चतुर्थ श्रेणी संगठन के अध्यक्ष टेक राम, चालक संघ के अध्यक्ष अमर कुमार, PA-PS संगठन के अध्यक्ष बोधराज चंदेल को विशेषाअधिकार हनन का नोटिस दिया गया है.