चुनाव आयोग ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में चुनाव होंगे, जबकि हरियाणा में एक ही चरण में मतदान पूरा किया जाएगा। जम्मू-कश्मीर में हालिया परिसीमन के बाद अब विधानसभा सीटों की संख्या 90 हो गई है, जो कि हरियाणा की 90 सीटों के बराबर है।
जम्मू-कश्मीर में पहले चरण के लिए मतदान 18 सितंबर को, दूसरे चरण के लिए 25 सितंबर को, और तीसरे चरण के लिए 1 अक्टूबर को होगा। वहीं, हरियाणा में सभी 90 सीटों पर 1 अक्टूबर को मतदान होगा। दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम 4 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे।
जम्मू-कश्मीर में दस साल बाद और अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। चुनाव आयोग ने हरियाणा में एक ही चरण में 1 अक्टूबर को मतदान कराने का फैसला लिया है। राज्य में 90 सीटों के लिए चुनाव होंगे, जिनमें से 73 सामान्य सीटें, 17 अनुसूचित जाति (एससी) की सीटें हैं, जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) की कोई सीट नहीं है। इस बार हरियाणा में 4 लाख 52 हजार नए मतदाता शामिल होंगे। राज्य में 20629 पोलिंग बूथ होंगे, जिनमें से 150 मॉडल बूथ होंगे।
जम्मू-कश्मीर में इस बार कुल 11838 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जिनमें 74 सामान्य सीटें, 7 एससी सीटें, और 9 एसटी सीटें हैं। जम्मू-कश्मीर में कुल 87.09 लाख मतदाता हैं, जिनमें 20 लाख से अधिक युवा मतदाता हैं। जम्मू-कश्मीर में 2014 में अंतिम बार विधानसभा चुनाव हुए थे, जब राज्य में कुल 87 सीटें थीं। अब परिसीमन के बाद यह संख्या 90 हो गई है।
हरियाणा में बीजेपी पिछले लगभग 10 वर्षों से सत्ता में है, लेकिन 2019 के चुनाव में उसे बहुमत से 6 सीटें कम मिली थीं। बावजूद इसके, निर्दलीयों और जननायक जनता पार्टी (JJP) के साथ गठबंधन कर बीजेपी ने सरकार बनाई थी। जम्मू-कश्मीर में अंतिम बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसके बाद पीडीपी-बीजेपी गठबंधन की सरकार बनी थी। 2018 में यह गठबंधन टूट गया और 2019 में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं हुए थे।