प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफ़ॉर्म विंजो गेम्स के दो निदेशकों को कथित मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के मामले में बेंगलुरु से गिरफ्तार किया है। अधिकारियों के अनुसार, कंपनी पर उपयोगकर्ताओं के खातों को अवैध रूप से ब्लॉक करने, प्रतिरूपण कर धोखाधड़ी करने और ग्राहकों के पैन व अन्य KYC दस्तावेज़ों का दुरुपयोग करने जैसे गंभीर आरोप हैं। गिरफ्तार किए गए निदेशक—सौम्या सिंह राठौर और पवन नंदा—को बुधवार देर रात कस्टडी में लेकर संबंधित न्यायाधीश के गृह कार्यालय में पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों को ईडी की हिरासत में भेजने पर सहमति दी है। मामले में विस्तृत रिमांड सुनवाई गुरुवार सुबह 11.30 बजे निर्धारित की गई है।
ED ने 18 और 22 नवंबर को पीएमएलए, 2002 के तहत दिल्ली और गुड़गांव के चार स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था। जांच के दौरान एजेंसी ने कंपनी की करीब ₹505 करोड़ मूल्य की संदिग्ध संपत्ति—जिसमें बैंक बैलेंस, फिक्स्ड डिपॉजिट, बॉन्ड और म्यूचुअल फंड शामिल हैं—को अस्थायी रूप से फ्रीज कर दिया है। यह कार्रवाई उस एफआईआर के आधार पर शुरू की गई थी जिसमें WinZO और अन्य के खिलाफ शिकायतकर्ताओं के KYC के गलत इस्तेमाल और धोखाधड़ी गतिविधियों के कारण आर्थिक नुकसान पहुंचाने के आरोप लगाए गए थे। ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि कंपनी भारत में प्रतिबंधित होने के बावजूद अपने समान प्लेटफ़ॉर्म पर ब्राज़ील, अमेरिका और जर्मनी जैसे देशों में रियल मनी गेमिंग (RMG) सेवाएं जारी रखे हुई थी।
इसके अलावा, एजेंसी के अनुसार कंपनी के पास अब भी लगभग ₹43 करोड़ की राशि लंबित है, जिसे गेमर्स और उपभोक्ताओं को वापस नहीं किया गया है। अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि विंजो प्राइवेट लिमिटेड उपयोगकर्ताओं को बिना जानकारी दिए ऐसे एल्गोरिद्मिक या सॉफ़्टवेयर-आधारित मुकाबलों में शामिल कर रही थी जहाँ सामने वास्तविक खिलाड़ी नहीं, बल्कि प्रोग्राम्ड सिस्टम काम कर रहा था। ईडी मामले में आगे पूछताछ कर रही है और आने वाले दिनों में कई और खुलासे होने की संभावना है।


