महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना ने राज्य में सियासी हलचल को और बढ़ा दिया है। इस मुद्दे पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों को विरोध का सामना करना पड़ा है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पालघर में अपने दौरे के दौरान इस घटना के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पालघर में ₹76,000 करोड़ की वाधवन बंदरगाह परियोजना की आधारशिला रखी और साथ ही ₹1,560 करोड़ की लागत से बनने वाली 218 मत्स्य पालन परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद थे।
पालघर के इस शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के बीच छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना का जिक्र किया। उन्होंने इस घटना पर गहरा खेद व्यक्त करते हुए कहा, “शिवाजी की प्रतिमा गिरने पर मैं सिर झुकाकर माफी मांगता हूं।” पीएम मोदी ने मंच से हाथ जोड़कर यह माफी मांगी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि केंद्र सरकार इस घटना को गंभीरता से ले रही है।
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस घटना पर माफी मांगते हुए कहा था कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, और सरकार इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी। शिवाजी की प्रतिमा गिरने का मामला बीते कुछ दिनों से राज्य में चर्चा का विषय बना हुआ है, और इसे लेकर राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में इस घटना को एक गहरी संवेदना से जोड़ते हुए कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज देश के वीर नायकों में से एक हैं, और उनकी प्रतिमा का गिरना न केवल महाराष्ट्र के लिए बल्कि पूरे देश के लिए दुखद है। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।