संभल हिंसा के मामले में यूपी पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने हिंसा के मामले में पुलिस ने मास्टरमांइड गुलाम को गिरफ्तार किया है. बता दें कि गुलाम का दुबई से कनेक्शन भी मिला है. गुलाम पर आरोप है कि वह दुबई में बैठे ऑटो लिफ्टर शारिक साठा के लिए देश में काम करता था. वह दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में अवैध असलहों और चोरी की लग्जरी गाड़ियों के नेटवर्क का सरगना है. उसका गिरोह देशभर से लग्जरी गाड़ियां चोरी कराकर म्यांमार बॉर्डर तक सप्लाई करता था और बदले में विदेशी हथियार और कारतूस हासिल करता था.
गुलाम ने ही हिंसा के दौरान लोगों को अवैध असलहे और कारतूस भी मुहैया कराये थे. पुलिस ने आरोपी के पास से 9 एमएम और 32 बोर की पिस्टल, तमंचे के अलावा विदेशी कारतूस व अन्य सामान भी बरामद किया है. गुलाम ने सपा के दिवंगत सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क से अपने संबंधों का भी खुलासा किया है.
एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने गुरुवार को एएसपी कार्यालय पर पत्रकार वार्ता कर संभल हिंसा की वारदात का खुलासा किया. एसपी ने बताया कि संभल हिंसा की साजिश का मास्टरमाइंड दीपा सराय निवासी गुलाम है. उसकी मंशा देश भर में हिंसा फैलाने के लिए सर्वे वाले दिन अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन को निशाना बनाना था. इसीलिए गुलाम ने अपने लोगों को विदेशी हथियार, कारतूस और अवैध तमंचे मुहैया कराए थे. सबसे कहा गया था कि 500 साल पुरानी मस्जिद की सुरक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है.
शारिक साठा के पूर्व में गिरफ्तार दोनों गुर्गों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को गुलाम की जानकारी मिली थी. बता दें कि शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर को हुई हिंसा में चार युवकों की मौत हुई थी. पुलिस व प्रशासनिक अफसरों समेत 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थे. हिंसा में अब तक पुलिस सरगना समेत 80 लोगों को जेल भेज चुकी है.
आरोपी गुलाम ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि ‘सांसद संभल’ नामक ग्रुप में 22 और 24 नवंबर को हिंसा फैलाने के निर्देश दिए गए थे, जिसके पुलिस को सबूत मिले हैं. आरोपी गुलाम के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई कराने के बाद गुलाम की अवैध संपत्ति की जांच कर जल्द ही कुर्की की प्रक्रिया शुरू होगी. गुलाम पूर्व में फर्जी पासपोर्ट पर विदेश भी जा चुका है.
