66वें तिब्बती विद्रोह दिवस के मौके पर बुधवार को तिब्बती वीमेन एसोसिएशन ने सड़कों पर उतरकर चीन के खिलाफ आवाज बुलंद की. हर वर्ष की भांति इस बार भी तिब्बती वीमेन एसोसिएशन के नेतृत्व में अन्य महिला संगठनों के सदस्यों सहित आम तिब्बतियों ने मैक्लोडगंज से लेकर धर्मशाला के कचहरी चौक तक विरोध रैली निकाली. रैली में बड़ी संख्या में तिब्बती समुदाय ने तिब्बत में चीन द्वारा किये जा रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर नारेबाजी की.
इस दौरान रीजनल तिब्बत एसोसिएशन की प्रसिडेंट तेनज़न कुंसेल ने तिब्बत में महिलाओं के साथ किये जा रहे अमानवीय व्यवहार के प्रति अपनी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि तिब्बत में चीन सरकार द्वारा आम तिब्बतियों के साथ खुलेआम मानवाधिकारों का हनन हो रहा है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भी तिब्बत में चीन के बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने की मांग की.
गौरतलब है कि इससे पूर्व 10 मार्च सोमवार को 66वें तिब्बती विद्रोह दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया था. हर वर्ष की भांति एक दिन बाद तिब्बती महिला एसोसिएशन द्वारा इस विरोध रैली का आयोजन किया जाता है. इस मौके पर 10 मार्च 1959 को तिब्बत की राजधानी ल्हासा में प्रदर्शन के दौरान चीन सरकार के हाथों अपनी जान गंवाने वाले या गंभीर उत्पीड़न झेलने वाले सभी तिब्बती शहीदों को याद किया गया.
