इंडिगो एयरलाइंस की लापरवाही से पिछले कई दिनों से हजारों यात्रियों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। एक सप्ताह के भीतर हजारों उड़ानें रद्द हुईं, जिससे यात्री एयरपोर्ट पर फंसे रहे और टिकटों के दाम अचानक बढ़ गए। हालांकि अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। सरकार ने कार्रवाई करते हुए इंडिगो की 10% उड़ानें कम कर दी हैं। इसी मामले में बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
अदालत ने केंद्र सरकार और एयरलाइन दोनों को कड़ी फटकार लगाई। कोर्ट ने सवाल उठाया कि ऐसी अव्यवस्था पैदा कैसे हुई और जब किराया अचानक बढ़ा तो सरकार ने क्या कदम उठाए? अदालत ने पूछा कि फंसे यात्रियों की मदद कैसे की गई और एयरलाइन स्टाफ की जिम्मेदारी किस तरह तय की गई। कोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ असुविधा का मामला नहीं, बल्कि आर्थिक नुकसान और पूरे सिस्टम की विफलता को दर्शाता है।
हाईकोर्ट ने ड्यूटी टाइमिंग और नियमों के पालन पर भी जोर दिया। सुनवाई 22 जनवरी 2026 तक टाल दी गई है। कोर्ट ने सभी पक्षों को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए और कहा कि अगली सुनवाई से पहले गठित कमेटी अपनी जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश करे। अदालत ने यह भी पूछा कि यात्रियों के मुआवजे को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं और सरकार एयरलाइन स्टाफ की जवाबदेही कैसे सुनिश्चित कर रही है।


