दिल्ली के लाल किला के पास हुए हालिया कार धमाके में जांच एजेंसियों ने डॉ. शाहीन सईद और परवेज से जुड़े कई अहम खुलासे किए हैं। जांच में पता चला कि आरोपी “वॉल्फ आवर” के दौरान यानी रात 11 बजे से 2 बजे के बीच आतंकी गतिविधियों की योजना बनाते और कोड वर्ड का इस्तेमाल करके बातचीत करते थे। डॉ. शाहीन, परवेज और अन्य आतंकियों ने व्हाट्सएप ग्रुप “Wolf Pack” में दो टीमें बनाई थीं, जिनके नाम Aurora और Luna रखे गए थे। शाहीन इस ग्रुप की एडमिन और अल्फा थी, जो संदेश और आदेश देती थी।
जांच में यह भी पता चला कि शाहीन के पास तीन पासपोर्ट थे और इनसे वह तीन बार पाकिस्तान जा चुकी थी। पासपोर्ट पर अलग-अलग अभिभावक नाम दर्ज थे, जिससे उसकी पहचान और गतिविधियों को छुपाना आसान हो गया था। इसके अलावा, शाहीन के पास सात बैंक खाते थे, जिनमें से कुछ निजी और कुछ सरकारी बैंकों में थे। इन खातों में 2014 से 2017 तक लाखों रुपये के लेन-देन हुए।
जांच एजेंसियों के अनुसार, परवेज और शाहीन ने Wolf पैटर्न के तहत घातक हमलों की योजना बनाई। परवेज ने लोन वुल्फ अटैक की जानकारी भी मांगी थी। दिल्ली धमाके में शामिल डॉ. उमर नबी रामलीला मैदान के पास एक अवैध मस्जिद में रुके थे, जिसे बाद में हाई कोर्ट के आदेश पर तोड़ दिया गया।


