दिल्ली में लाल किले के पास हुए i20 कार धमाके की जांच में सुरक्षा एजेंसियों ने पाकिस्तान से जुड़े सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल के कई बड़े खुलासे किए हैं। जांच से पता चला कि इस मॉड्यूल की प्लानिंग पाकिस्तान में बैठे हैंडलरों द्वारा की जा रही थी, जिनका लक्ष्य लंबी दूरी तक मार करने वाले ड्रोन से हमले करना था। आतंकी 10 किलोग्राम तक उठाने वाले ड्रोन के पुर्जों को अलग-अलग हिस्सों में भारत भेजने की योजना बना रहे थे।
फरीदाबाद में इस मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने से उनके नापाक इरादे विफल हो गए। जांच में यह भी सामने आया कि यह आतंकी समूह 2019 से सक्रिय था और इसके सदस्य सोशल मीडिया के जरिए कट्टरपंथी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे। डॉक्टर मुजम्मिल गनई, अदील राथर, मुजफ्फर राथर और उमर नबी जैसी प्रमुख हस्तियों ने सीमा पार बैठे आकाओं से फेसबुक और X के माध्यम से संपर्क किया।
इसके अलावा, डॉ. शाहीन ने फरीदाबाद से पैन कार्ड बनवाया और पासपोर्ट नवीनीकरण के लिए दिल्ली कार्यालय का उपयोग किया, जो जांच में अहम सुराग साबित हुआ। इस खुलासे से साफ हो गया कि आतंकी मॉड्यूल वर्षों से सक्रिय था और उसका लक्ष्य दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में गंभीर हमले करना था।


