कानपुर, 3 नवंबर: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय युवाओं से आह्वान किया है कि वे देश में ऐसी उच्च तकनीक विकसित करें, जिनका भारत वर्तमान में आयात कर रहा है। उन्होंने यह बात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), कानपुर के 65वें स्थापना दिवस समारोह में कही।
रक्षा मंत्री ने इस अवसर पर बताया कि हर क्षेत्र में हो रहे तेजी से बदलाव के पीछे प्रौद्योगिकी सबसे बड़ा कारक है। उन्होंने कहा कि भारत आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी विशिष्ट तकनीकों में महारत हासिल करने के लिए प्रतिस्पर्धा कर रहा है। राजनाथ सिंह ने देशों के तकनीकी विकास को तीन समूहों में वर्गीकृत किया— पहले समूह में वे देश हैं जो उन्नत तकनीक में शिखर पर हैं, दूसरे समूह में स्थिर देश हैं, और तीसरे समूह में वे देश हैं जो तकनीकी टेक-ऑफ के चरण में हैं।
उन्होंने भारत को तीसरे समूह में रखते हुए कहा कि देश तकनीकी प्रगति में शीर्ष स्थान की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने युवाओं से अपनी क्षमता का एहसास करने और देश की प्रगति में योगदान देने की अपील की।
इस मौके पर उन्होंने आईआईटी कानपुर के स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी) द्वारा आयोजित एक रक्षा प्रदर्शनी का दौरा किया। इस प्रदर्शनी में 23 एसआईआईसी-इनक्यूबेटेड स्टार्ट-अप द्वारा प्रस्तुत तकनीकों में स्वायत्त प्रणाली, एआई-संचालित निगरानी और अगली पीढ़ी के संचार उपकरण शामिल थे। रक्षा मंत्री ने प्रदर्शनी स्टालों पर स्टार्ट-अप संस्थापकों और अनुसंधान टीमों के साथ बातचीत की और राष्ट्रीय सुरक्षा में उनके योगदान की सराहना की।
इस अवसर पर कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी किए गए, जिसमें बीईएमएल और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) के साथ सैन्य रसद और रक्षा नवाचार में सहयोग और कानपुर विश्वविद्यालय के साथ इनक्यूबेशन प्रयासों को मजबूत करने के लिए साझेदारी शामिल है।
कार्यक्रम में देश की नवीनतम रक्षा पहलों, जैसे आईडीईएक्स की डिफेंस इंडिया स्टार्ट-अप चैलेंज 12 और अदिति 2.0 चुनौतियों पर महत्वपूर्ण चर्चाएं भी हुईं। इस कार्यक्रम में सचिव (रक्षा उत्पादन) संजीव कुमार, रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव डॉ समीर वी कामत, आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल, और अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भाग लिया।