कांग्रेस ने बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद प्रधानमंत्री और चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ का गंभीर आरोप लगाया है। पार्टी का कहना है कि SIR प्रक्रिया के दौरान 69 लाख वोट विपक्षी मतदाताओं के हटाए गए। कांग्रेस ने दावा किया कि कई BJP कार्यकर्ताओं ने पहले अन्य राज्यों में वोटिंग की और फिर बिहार में आकर वोट डाला, इसके लिए चुनाव के बीच विशेष ट्रेनें चलवाई गईं।
पार्टी ने सवाल उठाया कि 6 अक्टूबर को बिहार में 7.42 करोड़ वोटर थे, जबकि 11 नवंबर को यह संख्या 7.45 करोड़ हो गई। रिपोर्टर्स कलेक्टिव की जांच में 1.32 करोड़ संदिग्ध वोटर पाए गए, जिनमें 1.88 लाख डुप्लीकेट थे। कांग्रेस ने कहा कि चुनाव आयोग ने डुप्लीकेट एंट्री पकड़ने वाले सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नहीं किया, जिससे 14.35 लाख फर्जी वोटर जुड़ गए।
इसके अलावा, आचार संहिता लागू होने के बावजूद, मोदी-नीतीश सरकार ने महिलाओं को चुनाव के दौरान आर्थिक लाभ जारी रखा। कांग्रेस ने कहा कि ये घटनाएं लोकतंत्र पर सवाल उठाती हैं और पार्टी सभी सबूतों और आंकड़ों के साथ जांच की मांग करेगी। अजय माकन ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस लोकतंत्र की रक्षा के लिए पीछे नहीं हटेगी।


