सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने अपने रिटायरमेंट को लेकर एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि सेवानिवृत्ति के बाद वह किसी भी शासकीय लाभ के पद को स्वीकार नहीं करेंगे। यह बयान उन्होंने अपने पैतृक गांव दारापुर (अमरावती, महाराष्ट्र) की यात्रा के दौरान दिया, जहाँ वे पहली बार मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद पहुँचे।
जस्टिस गवई ने अपने पिता की 10वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उनके स्मारक स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की और भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने अपने बचपन के घर का दौरा किया और पुरानी स्मृतियों को याद करते हुए भावुक हो उठे।
गांव में उनके आगमन पर उत्सव जैसा माहौल था। बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। ग्रामीणों के साथ संवाद करते हुए जस्टिस गवई ने कहा, “मैंने यह निर्णय लिया है कि सेवानिवृत्ति के बाद मैं कोई भी सरकारी पद स्वीकार नहीं करूंगा। मुझे तब अधिक समय मिलेगा, जिसे मैं अपने प्रिय स्थानों दारापुर, अमरावती और नागपुरमें बिताना चाहूंगा।”
उन्होंने अपने बचपन की यादों, गांव की मिट्टी और लोगों से जुड़े अपने भावनात्मक संबंधों को भी साझा किया। उनका यह निर्णय सार्वजनिक जीवन में एक उदाहरण के रूप में देखा जा रहा है, जो पद से परे सेवा और सादगी की भावना को दर्शाता है।
