न्यूज़ फ्लिक्स भारत। एक तरफ जहां देशभर में वक्फ बिल को लेकर बहस छिड़ी हुई है, वहीं दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश सरकार ने बड़ा आदेश जारी करते हुए राज्य वक्फ बोर्ड के पिछले गठन को रद्द कर दिया है. साथ ही एक नया बोर्ड गठित करने की बात कही है. एन चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली टीडीपी सरकार ने पिछली वाईएसआर-कांग्रेस सरकार के ज़रिए राज्य वक्फ बोर्ड के लिए जारी किए गए पहले के आदेशों को भी वापस ले लिया है. भंग किए गए वक्फ बोर्ड में कुल 11 सदस्य थे, जिनमें से तीन निर्वाचित थे और बाकी आठ मनोनीत थे.
राज्य सरकार ने एक आदेश में कहा कि वाईएसआर कांग्रेस सरकार की तरफ से गठित वक्फ बोर्ड मार्च 2023 से काम नहीं कर रहा है. इसमें सुन्नी और शिया समुदायों के विद्वानों और पूर्व सांसदों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है. आदेश में कहा गया है कि इससे वक्फ संचालन में ठहराव आ रहा है. आदेश के मुताबिक बार काउंसिल कैटेगरी में उचित मानदंडों के बिना जूनियर एडवोकेट्स का सलेक्शन किया गया, जिससे मामले दाखिल करने वाले सीनियर वकीलों के हितों का टकराव हुआ. जानकारी के मुताबिक एसके खाजा के बोर्ड सदस्य के रूप में चुनाव के खिलाफ शिकायतें दर्ज की गईं. खास तौर पर से ‘मुतवल्ली’ के रूप में उनकी पात्रता के संबंध में कई शिकायतें की गई थीं. अलग-अलग अदालती मामलों की वजह से अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाया है.
