वाहन संख्या और स्थिति
दिल्ली में वर्तमान समय में 2,07,738 पेट्रोल और 3,09,225 बीएस-4 डीजल वाहन हैं। इस तरह, लगभग 5 लाख वाहन इस प्रतिबंध के दायरे में आएंगे। परिवहन विभाग ने इस पहल को सफल बनाने के लिए 114 विशेष टीमें तैनात की हैं, जो सड़क पर चलने वाले प्रदूषक वाहनों पर निगरानी रखेंगी।
वायु गुणवत्ता में सुधार की कोशिश
यह कदम मुख्यतः वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता आयोग ने दिल्ली और NCR क्षेत्र में इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों को बढ़ावा देने का निर्देश दिया है। इससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि शहर की वायु गुणवत्ता में सुधार की भी उम्मीद है।
भारत स्टेज (Bharat Stage) मानक
भारत स्टेज मानक का उद्देश्य वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करना है। यह मानक यूरोपीय मानदंडों पर आधारित है और इसके तहत वाहनों के इंजन से निकलने वाले धुएं का परीक्षण किया जाता है। बीएस-4 मानक वाले पेट्रोल इंजनों से प्रति किलोमीटर प्रदूषण के रूप में 1.0 ग्राम कार्बन मोनोऑक्साइड, 0.18 ग्राम हाइड्रोकार्बन और 0.025 ग्राम सांस लेने योग्य सस्पेंडेड पार्टिकुलेट मैटर निकलता है।
आपातकालीन सेवाओं का अपवाद
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आपातकालीन सेवाओं के लिए इस्तेमाल होने वाले और सरकारी कार्यों में लगे वाहनों को इस बैन के दायरे से बाहर रखा गया है। इस तरह, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि आवश्यक सेवाएं प्रभावित न हों।
निष्कर्ष
इस नए नियम के माध्यम से दिल्ली की सरकार प्रदूषण स्तर को कम करने और एक स्वच्छ, स्वस्थ वातावरण की दिशा में कदम बढ़ा रही है। वाहन मालिकों को सलाह दी गई है कि वे अपने वाहनों को जल्द से जल्द बदलें या वैकल्पिक ईंधन विकल्पों की ओर अग्रसर हों, ताकि वे इस नए नियम का पालन कर सकें।
