असम की राजनीति में एक एआई से बने वीडियो को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. यह वीडियो भारतीय जनता पार्टी (BJP) की असम इकाई ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया पर शेयर किया है. इसमें दिखाया गया है कि अगर BJP सत्ता में नहीं रही तो राज्य में मुस्लिम आबादी का दबदबा बढ़ जाएगा, सार्वजनिक जगहों पर कब्जा हो सकता है और विपक्षी नेता पाकिस्तान से जुड़े होंगे.
इस वीडियो को लेकर कांग्रेस और AIMIM समेत विपक्षी दलों ने कड़ी आपत्ति जताई है. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से शिकायत की है और कहा कि BJP समाज में नफरत फैला रही है. AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने इसे “घृणित” और “भड़काऊ” बताया. BJP का कहना है कि यह वीडियो असम की पहचान और संस्कृति की रक्षा के लिए चेतावनी है. पार्टी के मुताबिक, सीमावर्ती जिलों में मुस्लिम आबादी तेज़ी से बढ़ रही है और इससे असम की अस्मिता को खतरा है.
हालांकि, सवाल यह उठता है कि क्या किसी राज्य की सामाजिक चिंता को इस तरह विवादित तरीके से पेश करना सही है? विपक्ष का कहना है कि यह ध्रुवीकरण की राजनीति है, जबकि BJP इसे हकीकत का आइना बता रही है. चुनावों से पहले इस तरह की रणनीतियाँ आम हो गई हैं. लेकिन ज़रूरी है कि राजनीति समाज को जोड़ने वाली हो, न कि तोड़ने वाली. तकनीक का इस्तेमाल अगर डर फैलाने के लिए हो, तो यह लोकतंत्र के लिए खतरा है.
