मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विपक्षी भाजपा की भूमिका नकारात्मक रही है और सत्ता से बाहर होने के बाद भाजपा के नेताओं में बहुत बेचैनी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बड़े फैसले ले रहे हैं जिसके दूरगामी परिणाम आएंगे जो भाजपा को रास नहीं आ रहा है। इसलिए मुख्यमंत्री की छवि को खराब करने के लगातार प्रयास हो रहे हैं। बजट में महिलाओं, युवाओं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम हुआ है।
नरेश चौहान ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जब पूर्व में भाजपा की सरकार थी तो केंद्र सरकार से एक लाख करोड़ रुपए मिले लेकिन न कर्जा कम और न ही आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए जयराम ठाकुर ने कोई कदम उठाए। अब विपक्ष में बैठ कर भाजपा के नेताओं में बेचैनी हो रही है जिसके चलते राजनीतिक मंशा से विमल नेगी के मामले को तुल देने का काम हो रहा है जबकि सरकार इसमें दो दो जांच कर रही है ताकि सच्चाई सबके सामने आए। लेकिन भाजपा इसमें राजनीतिक लाभ के मकसद से सीबीआई जांच की मांग कर रही है। गुड़िया मामले में भी सीबीआई जांच हुई लेकिन उसमें भी लोगों को संशय है।
वहीं सांसद कंगना रनौत के एक लाख बिजली बिल आने के आरोपों पर नरेश चौहान ने कहा कि प्रदेश में सबके लिए बिजली की दरें एक जैसी हैं उनके लिए अलग से नहीं हैं। अगर बिल ज्यादा आया है तो उसे विभाग के पास जाकर चेक किया जा सकता है और उसमें कोई गलती निकलती है तो उसे ठीक किया जा सकता है।मीडिया में बयान देकर सुर्खियां बटोरने से कुछ हासिल नहीं होगा।
