बिहार में वोटर लिस्ट की जांच का मामला, महुआ मोइत्रा पहुंची सुप्रीम कोर्ट

बिहार में मतदाता सूची के विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. पश्चिम बंगाल की सांसद महुआ मोइत्रा ने चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उनका कहना है कि यह आदेश गलत है और इससे कई लोगों के वोट देने का अधिकार छिन सकता है.

बता दें कि चुनाव आयोग ने 24 जून 2025 को एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि वोटर लिस्ट की गहन जांच होगी. मतलब जिन लोगों के नाम पहले से वोटर लिस्ट में हैं और जो कई बार वोट दे चुके हैं, उन्हें भी अपनी नागरिकता साबित करने के लिए नए दस्तावेज दिखाने होंगे. इन दस्तावेजों में माता-पिता की नागरिकता का सबूत भी शामिल है. अगर वे ऐसा नहीं कर पाते, तो उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा सकता है.

याचिका में यह मांग की गई है कि चुनाव आयोग को देश के दूसरे राज्यों में भी ऐसे ही आदेश जारी करने से रोका जाए. महुआ मोइत्रा को जानकारी मिली है कि अगस्त 2025 से पश्चिम बंगाल में भी इसी तरह की जांच शुरू करने की तैयारी है। यह याचिका वकील नेहा राठी ने दायर की है.

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