भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारत प्रत्यर्पित करने का रास्ता अब लगभग साफ हो गया है। बेल्जियम की एक अदालत ने साफ कहा है कि उसे चोकसी को भारत भेजने में कोई आपत्ति नहीं है।
यह फैसला एंटवर्प स्थित कोर्ट ने 17 अक्टूबर को सुनाया। कोर्ट ने अप्रैल महीने में बेल्जियम अधिकारियों द्वारा की गई उसकी गिरफ्तारी को भी वैध करार दिया है।
प्रत्यर्पण पर कोर्ट का रुख
अदालत ने कहा कि मेहुल चोकसी बेल्जियम का नागरिक नहीं, बल्कि एक विदेशी नागरिक है। उसके खिलाफ लगे आरोप इतने गंभीर हैं कि उसका प्रत्यर्पण उचित और न्यायसंगत है।
कोर्ट के अनुसार, भारत द्वारा लगाए गए अपराध—जैसे धोखाधड़ी, जालसाजी, दस्तावेजों में हेराफेरी और भ्रष्टाचार—बेल्जियम के कानून के तहत भी दंडनीय अपराध हैं।
इन आरोपों के तहत भारतीय दंड संहिता (IPC) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एक वर्ष से अधिक सजा का प्रावधान है।


