ढाका, 3 नवंबर : बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद देश की राजनीतिक स्थिरता में आई गिरावट और भारत के साथ संबंधों में कड़वाहट ने बांग्लादेश के पर्यटन उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है। खराब हालात के कारण विदेशी पर्यटक बांग्लादेश आने से कतरा रहे हैं, और इसके चलते विदेश यात्रा करने वाले बांग्लादेशी यात्रियों की संख्या में भी भारी कमी आई है।
बांग्लादेश आउटबाउंड टूर ऑपरेटर्स फोरम के आंकड़ों के अनुसार, देश के 123 प्रमुख टूर ऑपरेटरों का लगभग 80 प्रतिशत व्यवसाय विदेश यात्रा करने वाले पर्यटकों से आता है। हाल ही में भारत ने बांग्लादेशियों के लिए वीजा नियमों को सख्त किया है, जिसके कारण भारत जाने वाले यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय कमी आई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि बांग्लादेश के नए राजनीतिक हालात के मद्देनजर, भारत ने आपातकालीन चिकित्सा वीजा को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के वीजा जारी करना बंद कर दिया है। इसके अलावा, संयुक्त अरब अमीरात और अन्य देशों ने भी बांग्लादेशियों के लिए वीजा प्रक्रिया में सख्ती बरती है, जिससे पर्यटकों की संख्या और कम हो गई है।
बांग्लादेश आउटबाउंड टूर ऑपरेटर्स फोरम के अध्यक्ष चौधरी हसनुज्जमां ने कहा कि पर्यटन क्षेत्र कोरोनोवायरस महामारी के बाद से लगातार नई चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वह पर्यटन उद्योग को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए, क्योंकि व्यवसाय की स्थिति बेहद खराब है।
2019 में बांग्लादेश से रिकॉर्ड 2.58 मिलियन पर्यटक भारत पहुंचे थे, लेकिन महामारी के बाद यह आंकड़ा गिर गया। 2022 में, 1.28 मिलियन बांग्लादेशी पर्यटक भारत आए, जिनमें से 22 प्रतिशत ने हवाई मार्ग का इस्तेमाल किया। हालांकि, अब बांग्लादेशी यात्रियों की विदेश यात्रा में 75-80 प्रतिशत की गिरावट आई है।
इस प्रकार, बांग्लादेश का पर्यटन उद्योग गंभीर संकट का सामना कर रहा है, और इसका भविष्य अब राजनीतिक स्थिरता और वीजा नीतियों पर निर्भर करता है।
