ढाका/कोलकाता: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद वहां की स्थिति तेजी से कट्टरपंथियों और चरमपंथियों के प्रभाव में आ रही है। बांग्लादेश से भारत विरोधी भावनाओं का बढ़ता हुआ उबाल देखने को मिल रहा है। विशेष रूप से हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर उनके घरों और दुकानों को जलाया जा रहा है।
हाल ही में बांग्लादेश के एक कट्टरपंथी नेता ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बंगाल को भारत से मुक्त करने और स्वतंत्रता की घोषणा करने का आह्वान किया है। यह अपील बांग्लादेश के आतंकवादी संगठन अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी द्वारा की गई है, जिसे हाल ही में मोहम्मद युनूस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने जेल से रिहा कर दिया था।
कट्टरपंथी रहमानी की भारत को धमकी
रहमानी, जो 2013 से जेल में था और धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था, अब भारत को धमकी देते हुए एक वीडियो में नजर आ रहा है। उसने भारत को चेतावनी दी है कि अगर भारत ने बांग्लादेश की तरफ कोई भी कदम उठाया, तो बांग्लादेश के 18 करोड़ मुसलमान उसका कड़ा जवाब देंगे।
रहमानी ने कहा, “अगर तुमने बांग्लादेश की तरफ देखा तो हम आंखें निकाल लेंगे, अगर तुमने हाथ बढ़ाया तो हम हाथ काट देंगे, और अगर तुमने कदम उठाया तो हम तुम्हारी टांगें तोड़ देंगे।” वीडियो में कट्टरपंथी नेता अस्पताल के बेड पर बैठा हुआ यह संदेश देता नजर आ रहा है।
चीन से समर्थन लेने की धमकी
रहमानी ने यह भी दावा किया कि बांग्लादेश कोई छोटा देश नहीं है, बल्कि 18 करोड़ मुसलमानों का देश है, और अगर भारत ने किसी भी तरह की कार्रवाई की, तो वह चीन से समर्थन मांगेगा। उसने सिलीगुड़ी कॉरिडोर (चिकन नेक) को बंद करवाने और भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में स्वतंत्रता आंदोलन शुरू करवाने की धमकी दी है।
इस बयान के बाद क्षेत्र में तनाव बढ़ता जा रहा है, और भारत के राजनीतिक और सुरक्षा तंत्र को इस पर कड़ी नजर रखने की जरूरत है।