एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बुधवार को धरती पर लौटेंगे. दोनों एस्ट्रोनॉट SpaceX क्रू कैप्सूल में समंदर में लैंड करेंगे. इस कैप्सूल को खोलने के बाद एस्ट्रोनॉट्स को स्ट्रेचर पर लाया जाएगा. उन्हें स्ट्रेचर पर इसलिए नहीं लाया जाएगा क्योंकि वो बीमार हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये एस्ट्रोनॉट्स की सेफ्टी प्रोटोकॉल का हिस्सा है.
स्पेस में महीनों बिताने के बाद एस्ट्रोनॉट्स अचानक चल नहीं सकते. उनके शरीर में कई बदलाव भी हो जाते हैं, जिससे बैलेंस और मसल्स पर असर पड़ता है. दरअसल धरती पर ग्रैविटी हमारे शरीर को कंट्रोल में रखती है, लेकिन स्पेस में ऐसा नहीं होता. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन लगातार पृथ्वी की ओर फ्री-फॉल में रहता है. इससे एस्ट्रोनॉट्स को वजनहीनता महसूस होती है. जब वो ज्यादा दिनों तक स्पेस में बने रहते हैं तो उनका शरीर इसके लिए तैयार हो जाता है. इसीलिए जब सुनीता विलियम्स और बुल विल्मोर धरती पर आएंगे तो उन्हें स्ट्रेचर पर रखा जाएगा.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ग्रैविटी की कमी से संतुलन बनाए रखने वाला सिस्टम कमजोर पड़ जाता है. जब एस्ट्रोनॉट्स स्पेस से लौटते हैं तो उनका शरीर फिर से ग्रैविटी को महसूस करने की कोशिश करता है. इससे उन्हें चक्कर आना, कमजोरी और स्पेस मोशन सिकनेस जैसी समस्याएं हो सकती हैं. हालांकि एस्ट्रोनॉट मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज भी करते हैं, लेकिन फिर भी मसल्स और बोन लॉस होता ही है.
