नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रविवार को तिहाड़ जेल से रिहा होते ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बड़ा ऐलान किया। आम आदमी पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह दो दिन बाद अपने पद से इस्तीफा देंगे और दिल्ली में समय पूर्व चुनाव की मांग करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक जनता उन्हें “ईमानदारी का प्रमाणपत्र” नहीं दे देती, तब तक वह मुख्यमंत्री पद पर नहीं रहेंगे।
केजरीवाल ने यह भी कहा कि अगले दो दिन में विधायक दल की बैठक होगी, जिसमें नए मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगला मुख्यमंत्री भी आम आदमी पार्टी से ही होगा। इसके साथ ही, केजरीवाल ने चुनाव आयोग से दिल्ली में चुनाव नवंबर में महाराष्ट्र के साथ कराने की मांग की, जो फरवरी में निर्धारित थे।
यह ऐलान केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से दिल्ली शराब घोटाले में जमानत मिलने के बाद किया है। जानकारों का मानना है कि उनके इस्तीफे के पीछे सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत के समय लगाए गए कड़े नियम हैं। कोर्ट ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को जमानत देते हुए उन्हें मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय जाने से मना किया, साथ ही सरकारी फाइलों पर हस्ताक्षर करने पर भी पाबंदी लगाई, जब तक उपराज्यपाल से मंजूरी न मिले। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को मामले की मेरिट पर सार्वजनिक बयान देने और गवाहों से संपर्क करने पर भी रोक लगाई है।
केजरीवाल के इस फैसले को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के साथ-साथ आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया गया है। हालांकि, यह रणनीति कितनी सफल होगी, इसका फैसला आगामी चुनाव परिणाम ही करेंगे।